महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुद्दा लोकसभा में गूंजा

Parliament Winter Session: महाराष्ट्र से निर्दलीय सदस्य नवनीत राणा ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए राज्य के किसानों की मौजूदा दयनीय स्थिति के लिये सीधे तौर पर शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया.

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Dhirendra Kumar
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महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुद्दा लोकसभा में गूंजा

Parliament Winter Session( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Parliament Winter Session: महाराष्ट्र में पिछले महीने बेमौसम बारिश से विभिन्न फसलों, बागवानी और किसानों को हुए नुकसान का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में गूंजा. महाराष्ट्र से निर्दलीय सदस्य नवनीत राणा ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए राज्य के किसानों की मौजूदा दयनीय स्थिति के लिये सीधे तौर पर शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन के पीछे शिवसेना का स्वार्थ छिपा था. उन्होंने शिवसेना सदस्यों के शोरगुल के बीच कहा, ‘‘यदि उसे इतनी ही (किसानों के प्रति) सहानुभूति थी तो उसे राज्य में सरकार गठित करनी चाहिए थी.

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सहायता राशि 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर करने की मांग
महाराष्ट्र से एआईएमआईएम के सदस्य इम्तियाज जलील सैयद ने कहा कि राज्य में तीन साल से सूखा पड़ा था, लेकिन इस बार (बेमौसम) बारिश से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे रहने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘किसानों को लगता है कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. महाराष्ट्र के अंदर कोई सरकार नहीं है. उन्होंने अक्टूबर महीने में राज्य में हुई बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिये राज्यपाल द्वारा घोषित 8,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मुआवजा राहत सहायता राशि को अपर्याप्त बताया. उन्होंने केंद्र से इसे बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर करने की मांग की.

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महाराष्ट्र से शिवसेना के सदस्य हेमंत पाटिल ने बेमौसम बारिश से राज्य में सोयाबीन, ज्वार, कपास, धान सहित अंगूर और संतरा जैसे बागवानी फसलों को नुकसान होने का जिक्र करते हुए पीड़ित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजे की राशि का भुगतान करने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जिन किसानों ने बीमा की राशि नहीं भरी थी उन्हें राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से राहत सहायता प्रदान की जाए. शिवसेना सदस्य कृपाल बी तुमाने ने भी राज्यपाल द्वारा घोषित राहत राशि को अपर्याप्त बताया और किसानों को समुचित मुआवजा प्रदान करने के लिये स्थिति का आकलन करने को लेकर केंद्र से महाराष्ट्र में एक टीम भेजने का अनुरोध किया.

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