मानसून की मेहरबानी से खरीफ बुवाई में 104 फीसदी का इजाफा, यहां चेक करें किन फसलों को कितना बढ़ा रकबा, देखिए पूरी लिस्ट

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में फसल वर्ष 2020-21 के खरीफ फसलों की बुवाई 315.63 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 161.11 लाख हेक्टेयर यानी 104.25 फीसदी ज्यादा है.

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Dhirendra Kumar
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चालू खरीफ सीजन (Kharif Crop): धान (Paddy)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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मानसून के मेहरबान होने से चालू खरीफ सीजन (Kharif Crop) के फसलों की बुवाई जोर पकड़ी है. सभी खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 104 फीसदी बढ़ गया, जबकि तिलहनों का रकबा पिछले साल से 525 फीसदी बढ़ गया है और दलहन फसलों की बुवाई करीब 222 फीसदी बढ़ गई है. खरीफ सीजन की प्रमुख खद्यान्न फसल धान की रोपाई व बिजाई पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी ज्यादा हुई है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ फसलों की बुवाई 315.63 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 161.11 लाख हेक्टेयर यानी 104.25 फीसदी ज्यादा है.

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धान की रोपाई पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी अधिक
धान की रोपाई इस साल अब तक 37.71 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के 9.77 लाख हेक्टेयर यानी तकरीबन 35 फीसदी अधिक है. दलहनों का रकबा पिछले साल से 13.37 लाख हेक्टेयर यानी 221.72 फीसदी बढ़कर 18.48 लाख हेक्टेयर हो गया. दलहनों में तुअर का रकबा पिछले साल से 8.04 लाख हेक्टेयर बढ़कर 9.97 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं, उड़द और मूंग का रकबा क्रमश: 2.75 लाख हेक्टेयर और 5.30 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं, मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल से करीब 96 फीसदी बढ़कर 47.96 लाख हेक्टेयर हो गया है. कोरोना काल में पोल्ट्री इंडस्ट्री तबाह हो जाने के कारण किसानों को मक्का का इस साल लाभकारी दाम नहीं मिल पाया है, फिर भी इसकी बुवाई में उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई है. मक्के का रकबा पिछले साल से दोगुना बढ़कर 31.27 लाख हेक्टेयर हो गया है.

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सोयाबीन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 2278.57 फीसदी बढ़ा
तिलहनों का रकबा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 69.99 लाख हेक्टेयर यानी 525 फीसदी बढ़कर 83.31 लाख हेक्टेयर हो गया है. दलहनों में मूंगफली का रकबा पिछले साल की समान अवधि के रकबे से 8.63 लाख हेक्टेयर बढ़कर 18.45 लाख हेक्टयर हो गया है. वहीं, सोयाबीन का रकबा अब तक 63.26 लाख हेक्टेयर हो गया है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 2.66 लाख हेक्टेयर था. इस प्रकार सोयाबीन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 60.61 लाख हेक्टेयर यानी 2278.57 फीसदी बढ़ गया है. कपास का रकबा इस साल अब तक 71.69 लाख हेक्टेयर हो गया है जोकि पिछले साल की समान अवधि से 44.61 लाख हेक्टेयर यानी 164.73 फीसदी ज्यादा है.

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गन्ने की फसल किसानों ने करीब 49.69 लाख हेक्टेयर में लगाया है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में गन्ने का रकबा 49.03 लाख हेक्टेयर था. जूट और मेस्टा की बुवाई करीब 5.88 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 6.66 लाख हेक्टेयर में हुई थी. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से शुक्रवार मिली जानकारी के अनुसार, मानसून पूरे देश में पहुंच चुका है और बारिश का वितरण भी अच्छा रहा है. मानसून के एक जून को केरल में दस्तक देने के बाद शुरुआती 25 दिनों के दौरान पूरे देश में औसत से 21 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, एक जून से 25 जून तक पूरे देश में 155.2 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इस दौरान औसत बारिश 128.2 मिलीमीटर होती है.

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