केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों से पिछले एक साल में अरहर दाल (Tur Dal) की कीमतो में गिरावट देखने को मिली है. दलहन की घरेलू सप्लाई बढ़ाने और कीमतों को स्थिर बनाने के लिए उठाए गए कदमों की वज से पिछले एक साल में अरहर दाल के थोक मूल्य में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जरूरी खाद्य वस्तुओं की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को स्थिर करने के लिए मोदी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. सरकार के द्वारा उठाए गए इन कदमों की वजह से अरहर दाल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
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कीमतों में कितनी आई गिरावट
उपभोक्ता मामलों के विभाग (डीओसीए) के आंकड़ों के मुताबिक 22 फरवरी 2022 को अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 2.87 फीसदी की गिरावट के साथ 9,255.88 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. पिछले साल इसी अवधि में यह भाव 9,529.79 रुपये प्रति क्विंटल था. वहीं 21 फरवरी, 2022 को अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 3.42 फीसदी की गिरावट के साथ 9,252.17 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. एक साल पहले इसी दिन भाव 9,580.17 रुपये प्रति क्विंटल था.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने मई 2021 में आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों की निगरानी और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को मिल मालिकों, आयातकों और व्यापारियों के पास दलहन भंडार का खुलासा सुनिश्चित करने के लिए एक एडवायजरी जारी की थी. बता दें कि 2 जुलाई 2021 को मूंग को छोड़कर सभी दालों पर स्टॉक लिमिट को अधिसूचित किया गया था. वहीं 19 जुलाई 2021 को एक संशोधित आदेश के तहत अरहर, उड़द, मसूर, चना पर 31 अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के लिए स्टॉक लिमिट लगा दी गई थी.
HIGHLIGHTS
- 22 फरवरी को अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 9,255.88 रुपये प्रति क्विंटल था
- 21 फरवरी को अरहर दाल का औसत थोक मूल्य 9,252.17 रुपये प्रति क्विंटल था