पिछले नौ महीनों में जो दूध (Milk) की कीमतें (Milk Price) 4-5 रुपये प्रति लीटर बढ़ी हैं, उसके वर्ष 2020-21 में स्थिर होने की संभावना है क्योंकि पानी की पर्याप्त उपलब्धता और अनुमानित सामान्य मॉनसून (Normal Monsoon) को देखते हुए दूध उत्पादन (Milk Production) बढ़ने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. साख निर्धारक एजेंसी क्रिसिल (Credit Rating Agency CRISIL) ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले वर्ष तेज गर्मी और पानी की कमी से पिछले साल अप्रैल से दूध का उत्पादन घट रहा था.
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चालू वित्त वर्ष में दूध उत्पादन सालाना आधार पर 5-6 कम रहने की उम्मीद
इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आने की वजह से पशुओं का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ. चरागाहों में जल जमाव से पशुओं को चराने में मुश्किलें हुईं. मक्का और गन्ने जैसी फसलों को वर्षा में क्षति पहुंचाने से चारे की उपलब्धता कम हुई. चालू वित्तीय वर्ष में दूध का उत्पादन सालाना आधार पर 5-6 प्रतिशत कम होकर 17.6 करोड़ टन रहने की उम्मीद है. आमतौर पर नवंबर-दिसंबर से दुधारू पशुओं में दूध बढ़ा जाता है. मानसून के देरी से आने के कारण दूध बढ़ने का मौसम 1-2 महीने आगे खिसकने का अनुमान है.
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हालांकि, क्रिसिल ने कहा कि वर्ष 2020-21 में दूध का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि जलाशयों में पर्याप्त पानी है और सामान्य मानसून की उम्मीद की जा रही है. इसके कारण दूध का क्रय मूल्य और खुदरा भाव बढ़ने की संभावना नहीं होनी लगती. इसके अलावा, रबी बुवाई का रकबा 31 जनवरी, 2020 तक 10 प्रतिशत बढ़ गया है. इसका भी दूध उत्पादन पर अनुकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू सत्र में फसल उत्पादन में 12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.