गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए मोदी सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बनी सचिवों की कमेटी ने चीनी की मिनिमम सेलिंग प्राइस में 2 रुपये तक की बढ़ोतरी के लिए सहमति दी है. जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद चीनी मिलों के पास नगदी का प्रवाह बढ़ने की संभावना है.

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Dhirendra Kumar
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sugarcane sugar

sugarcane sugar ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार जल्द ही गन्ना (Sugarcane) किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार जल्द ही चीनी (Sugar) की न्यूनतम बिक्री भाव (Minimum Selling Price-MSP) में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बनी सचिवों की कमेटी ने मिनिमम सेलिंग प्राइस में 2 रुपये तक की बढ़ोतरी के लिए सहमति दी है. जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद चीनी मिलों के पास नगदी का प्रवाह बढ़ने की संभावना है.

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नगदी का प्रवाह बढ़ने से गन्ना किसानों को बकाये का भुगतान कर पाएंगी चीनी मिलें
चीनी मिलों के पास नगदी का प्रवाह बढ़ने से वे गन्ना किसानों को उनका बकाया आसानी से चुका पाएंगी. गौरतलब है कि चीनी उत्पादन वर्ष 2019-20 में चीनी मिलों के ऊपर गन्ना किसानों का 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते सचिवों के समूह ने चीनी की मिनिमम सेलिंग प्राइस में बढ़ोतरी को लेकर अपनी सहमति दी थी. बता दें कि देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्यों के द्वारा दिए गए सुझाव के बाद इस प्रस्ताव के ऊपर विचार किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिनिमम सेलिंग प्राइस में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को नीति आयोग सहमति दे चुका है.

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बता दें कि सरकार ने फरवरी 2019 में चीनी की मिनिमम सेलिंग प्राइस को बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया था. बता दें कि चीनी उत्पादन वर्ष की गणना 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक की जाती है. गौरतलब है कि फेयर एंड रेम्युनरेटिव प्राइस (Fair & Remunerative Price-FRP) केंद्र सरकार द्वारा गन्ना खरीद के लिए तय किया जाता है. वहीं इसके अलावा राज्य सरकारें गन्ना खरीद के लिए जो अतिरिक्त भाव तय करती हैं उसे स्टेट एडवाइज्ड प्राइस (State Advised Price-SAP) कहते हैं.

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