केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की उड़द दाल आयात (Urad Dal Import) की समयसीमा इस साल जून तक बढ़ाने की योजना है. वित्त वर्ष के दौरान 4,00,000 टन उड़द आयात कोटे की समयसीमा को तीन महीने बढ़ाकर जून तक किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि घरेलू स्तर पर उड़द दाल की कमी को ध्यान में रखते हुये सरकार यह कदम उठा सकती है. भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (Indian Pulses and Grains Association-IPGA) ने सरकार से उड़द पर मात्रात्मक प्रतिबंध हटाने की मांग की है.
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50 फीसदी कम रह सकता है उड़द उत्पादन
आईपीजीए का कहना है कि 2019 की खरीफ फसल क्षतिग्रस्त होने की वजह से देश में उड़द उत्पादन (Urad Production) करीब 50 प्रतिशत कम रहने की आशंका है. वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) ने पिछले महीने ही उड़द आयात का कोटा मार्च, 2020 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए डेढ़ लाख टन से बढ़ाकर चार लाख टन किया है. दाल मिलों और रिफाइनरों को ही यह आयात करने की अनुमति दी गई. सूत्रों ने बताया कि अब तक सिर्फ दो लाख टन उड़द दाल का आयात ही किया गया है. ऐसे में संबंधित मंत्रालयों ने दलहन स्थिति की समीक्षा के बाद शेष कोटा के आयात के लिए जून तक समय बढ़ाने की सहमति दी है.
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आईपीजीए (IPGA) के वाइस चेयरमैन (Vice Chairman) विमल कोठारी (Vimal Kothari) ने हाल में कहा था कि देश में सालाना 25 से 30 लाख टन उड़द का उत्पादन होता है. खरीफ फसल को भारी नुकसान की वजह से इस साल उत्पादन 50 प्रतिशत घटने की आशंका है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुये सरकार को दाल के आयात पर जारी मात्रात्मक प्रतिबंध को हटा लेना चाहिये और खुले तौर पर दाल आयात की अनुमति देनी चाहिये.
Source : Bhasha