बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए मोदी सरकार खुले बाजार में बेचेगी सस्ती प्याज

Onion Latest News: नाफेड सरकार की ओर से संकट के समय यह स्टॉक इस्तेमाल के लिये जारी करने को तैयार रहता है. नाफेड ने इस साल के लिये करीब एक लाख टन प्याज की खरीद की थी.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Onion

प्याज (Onion)( Photo Credit : IANS )

Advertisment

Onion Latest News: सरकार के पास प्याज का सिर्फ 25 हजार टन का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) बचा हुआ है. यह स्टॉक नवंबर के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जायेगा. नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने इसकी जानकारी दी है. देश में प्याज (Onion Price) की खुदरा कीमतें 75 रुपये किलो के पार जा चुकी हैं. ऐसे में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कीमतों को नियंत्रित करने के लिये नाफेड सुरक्षित भंडार से प्याज बाजार में उतार रहा है. नाफेड सरकार की ओर से संकट के समय यह स्टॉक इस्तेमाल के लिये जारी करने को तैयार रहता है. नाफेड ने इस साल के लिये करीब एक लाख टन प्याज की खरीद की थी.

यह भी पढ़ें: प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला- तय की भंडारण सीमा 

अभी तक बफर स्टॉक से बाजार में उतारा जा चुका है  43 हजार टन प्याज
चड्ढा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभी तक बफर स्टॉक से 43 हजार टन प्याज बाजार में उतारा जा चुका है. कुछ भंडार के बर्बाद होने के बाद अभी करीब 25 हजार टन प्याज भंडार में बचा हुआ है, जो नवंबर के पहले सप्ताह तक चलेगा. इस बीच खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने शुक्रवार को कहा कि भारी बारिश के कारण कई मुख्य उत्पादक राज्यों में प्याज की फसल को नुकसान हुआ है. इसके चलते देश में खरीफ प्याज का उत्पादन 14 प्रतिशत घटकर 37 लाख टन रहने का अनुमान है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इस साल महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में बारिश की वजह से प्याज का उत्पादन करीब 37 लाख टन रहने का अनुमान है. यह पहले के 43 लाख टन के अनुमान से लगभग 6 लाख टन कम है.

यह भी पढ़ें: किसानों से खरीदकर ग्राहकों को सस्ते में सब्जियां बेच रही है बीजेपी

प्याज के दाम पर अंकुश लगाने के लिये स्टॉक सीमा लागू, दो टन तक माल रख सकेंगे खुदरा व्यापारी
घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और प्याज की बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को खुदरा और थोक विक्रेताओं दोनों पर तत्काल प्रभाव से 31 दिसंबर तक के लिये स्टॉक सीमा लागू कर दी. खुदरा व्यापारी अपने गोदाम में अब केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक प्याज रखने की अनुमति होगी. यह कदम प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिये उठाया गया है पिछले कुछ हफ्तों में भारी बारिश के कारण उत्पादक क्षेत्रों में प्याज की खरीफ फसल को पहुंचे नुकसान और उसके साथ-साथ इसकी जमाखोरी के कारण प्याज की कीमतें बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई हैं. 

यह भी पढ़ें: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोग बिचौलियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं: PM मोदी

उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मीडिया को संबोधित करते हुये कहा कि यह एक निर्णायक कदम है. हमने प्याज व्यापारियों पर तत्काली प्रभाव से 31 दिसंबर तक के लिये स्टॉक सीमा तय कर दी है. इस बात को लेकर चिंता बढ़ी कि व्यापारीगण अपने संग्रहीत स्टॉक को धीरे-धीरे बाजार में ला रहे हैं, जिससे कृत्रिम रूप से मूल्य वृद्धि की स्थिति पैदा हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को हाल ही में पारित आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करना पड़ा, जो केवल असाधारण मूल्य वृद्धि की स्थिति में कृषि-वस्तुओं के विनियमन का अधिकार सरकार को देता है. उन्होंने कहा कि प्याज के मामले में, 21 अक्टूबर को प्याज की औसत अखिल भारतीय खुदरा कीमत 55.60 रुपये प्रति किलो थी, जो आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम के तहत निर्दिष्ट फार्मूले के अनुसार वहन योग्य सीमा को पार कर गई. प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 55.60 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो पिछले साल के 45.33 रुपये के मुकाबले 22.12 प्रतिशत ऊंचा रहा जबकि पिछले पांच साल के औसत दाम के मुकाबले 114.96 प्रतिशत बढ़ गया. इस लिहाज से खुदरा मूलय वास्तव में दुगुने से अधिक हो गया. 

यह भी पढ़ें: जीवन बीमा लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, क्लेम मिलने में नहीं होगी दिक्कत

यही वजह है कि इस जिंस पर स्टॉक सीमा लागू करने का फैसला किया गया. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बाद में ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने जमाखोरी रोकने और दाम पर अंकुश के लिए यह कदम उठाया है. प्याज के खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लगाई गई है. प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए किए गए अन्य उपायों पर प्रकाश डालते हुए, सचिव ने कहा कि सरकार ने आयात के जरिये घरेलू आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया गया है. सरकारी स्वामित्व वाली एमएमटीसी जल्द ही लाल प्याज का आयात करने के लिए निविदा जारी करेगी. सचिव ने कहा कि सरकार ने 14 सितंबर को ही प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करके पहले से ही एक निदानात्मक उपाय की शुरुआत कर दी थी.

यह भी पढ़ें: शेयर मार्केट में बगैर घबराएं करें ट्रेडिंग, लागू रहेंगे उतार-चढ़ाव से निपटने के उपाय

उन्होंने कहा कि इस प्रकार, खुदरा मूल्य वृद्धि कुछ हद तक कम हुई, लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्याज उत्पादक जिलों में भारी बारिश की खबरों ने खरीफ फसल को नुकसान होने की चिंता पैदा की है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए, सरकार ने 2019-20 में बनाए गए प्याज के एक लाख टन के बफर स्टॉक को सितंबर उत्तरार्द्ध से प्याज को बाजार में तेजी से उतारना शुरू कर दिया है, लेकिन इसको तयशुदा तरीके से किया जा रहा है। सरकार ने कहा कि खरीफ की फसल अगले महीने से मंडियों में आ सकती है. उन्होंने कहा कि उम्मीद के मुताबिक 37 लाख टन खरीफ प्याज के आगमन से इसकी उपलब्धता में सुधार होगा.

Modi Government onion Onion Price Onion Price Today Onion Price Latest Update Onion Latest News प्याज प्याज निर्यात Onion Import प्याज एक्सपोर्ट प्याज आयात latest onion price retail onion prices Onion Export
Advertisment
Advertisment
Advertisment