केंद्र सरकार द्वारा तुअर आयात (Tur Import) की अवधि बढ़ाने के बाद मंगलवार को तुअर के दाम में करीब 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिल रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा 26 अक्टूबर को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, तुअर आयात की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है. बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र की अकोला मंडी में देसी तुअर का भाव 300 रुपये घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया. तुअर का भाव बीते 15 दिनों में करीब 2,300 रुपये प्रति क्विंटल गिरा है.
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चालू वित्त वर्ष 2020-21 में चार लाख टन तुअर आयात का कोटा तय
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में चार लाख टन तुअर आयात का कोटा तय किया है. तय कोटे का तुअर आयात करने के लिए सरकार ने पहले 15 नवंबर तक लाइसेंस की वैधता तय की थी, जिसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है. आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया, "इससे पहले सरकार ने तुअर आयात के लिए सिर्फ 32 दिनों का समय दिया था, जोकि काफी कम था, इसलिए उन्होंने एसोसिएशन की तरफ से सरकार ने इस अवधि को आगे बढ़ाने की मांग की थी.
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सप्लाई बढ़ने की संभावना से कीमतों में आई गिरावट
दलहन बाजार के जानकार अमित शुक्ला ने कहा कि तुअर आयात की समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर किए जाने से आने वाले दिनों में तुअर की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीदों से भाव में गिरावट आई है. तुअर के दाम में गिरावट का असर आने वाले दिनों में तुअर दाल के अलावा अन्य दालों पर भी देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि देसी तुअर का भाव 9,300 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया था, जोकि अब घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है.