त्योहारों के मौके (Festival Occasion) पर मोदी सरकार (Modi Government) देश की जनता के लिए सस्ता सोना (Cheap Gold offer) खरीदने का ऑफर लेकर आई है. त्योहारों के दौरान देश में सोने के निवेश (Investment of Gold) को शुभ माना जाता है इसलिए लोग बड़े पैमाने पर दुर्गापूजा से लेकर दीपावली (Durgapuja to Deepawali) तक सोना खरीदते हैं. ऐसे में अगर आप भी सोना खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो मोदी सरकार आपके लिए इन त्योहारों में कई शानदार स्कीम लेकर आई है. दरअसल मोदी सरकार एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2019-20 (sovereign gold bond scheme 2019-20) में निवेश का मौका दे रही है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए मोदी सरकार आपको 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक का मौका दे रही है. आपको बता दें कि यह पांचवां मौका है जब मोदी सरकार आम आदमी के लिए गोल्ड में निवेश की स्कीम लेकर आई है.
कर सकते हैं गोल्ड बॉन्ड में निवेश
अबकी बार मोदी सरकार ने आम आदमियों को गोल्ड में निवेश करने के लिए गोल्ड बॉन्ड की कीमत 3,788 रुपये प्रति ग्राम की तय की है. अगर आप इस गोल्ड बॉन्ड में ऑनलाइन माध्यम से निवेश करते हैं तो इसपर आपको 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी दी जाएगी. ऑनलाइन माध्यम से गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर निवेशकों के लिए यह दर 3,738 रुपये प्रति ग्राम ही होगी. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि, 'इस अवधि के दौरान इशू प्राइस 3,738 रुपये प्रति ग्राम होगा. यह स्कीम 11 अक्टूबर 2019 को समाप्त होगी.'
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जाने क्या है सरकारी गोल्ड बॉन्ड की खासियत
सरकारी गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने के रेट से कम होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (sovereign gold bond scheme 2019-20) के गोल्ड की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया तय करता है. इस बॉन्ड में न्यूनतम निवेश एक ग्राम है. इस पर टैक्स में भी छूट मिलती है. इसके अलावा स्कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है.
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जानिए कितना सोना खरीद सकते हैं स्कीम में
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भारत सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (sovereign gold bond) जारी करता है. इस बॉन्ड में निवेश एक ग्राम के गुणकों में किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा एक व्यक्ति के लिए एक साल में 500 ग्राम है. वहीं हिन्दू संयुक्त परिवार एक साल के दौरान अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं. ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम तक है. इस गोल्ड की बिक्री एनएसई, डाकघरों, बीएसई और बैंकों के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है. सरकार इस स्कीम के जरिए गोल्ड की फिजिकल डिमांड को कम करने की कोशिश में है. बॉन्ड खरीदने के लिए निवेशक डिमांड ड्रॉफ्ट, चेक या ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं.
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जानिए कैसे मिलेंगे बॉन्ड खरीदने के फायदे
बाजार में जैसे ही सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को इसका फायदा मिलना शुरू हो जाता है. ये बॉन्ड पेपर और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं. जिससे आपको फिजिकल गोल्ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता. बॉन्ड पर आपको सालाना कम से कम ढाई प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा. गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है. ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे. मतलब साफ है कि 8 साल के बाद भुनाकर इससे पैसा निकाला जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- मोदी सरकार त्योहारों में दे रही है सस्ता सोना
- मोदी सरकार लाई है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
- मोदी सरकार ने दिया सोने में निवेश करने का 5वां मौका