कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रसार के मद्देनजर ‘लॉकडाऊन’ की स्थिति के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हर रोज़ 30 लाख लीटर से अधिक दूध की आपूर्ति करने वाली कंपनी, मदर डेयरी (Mother dairy) ने कहा कि मंगलवार को दूध की मांग में 5-10 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद यह किसी भी बड़ी आपूर्ति बाधा का सामना नहीं कर रही है. हालांकि, महाराष्ट्र में एक प्रमुख डेयरी कंपनी, पराग मिल्क ने कहा कि उसे पिछले दो दिनों से दूध के वितरण करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन की ओर से उसके कर्मचारियों और वितरकों के आवाजाही में बाधा हो रही है.
मदर डेयरी के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम पूरे क्षेत्र में दूध की मांग को पूरा करना सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. चूंकि दूध एक आवश्यक वस्तु है, इसलिए हम अपने सभी अंशधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और इस चुनौतीपूर्ण समय में उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करने के मकसद से मूल्य श्रृंखला के निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं.’’
पराग मिल्क फूड्स के अध्यक्ष देवेंद्र शाह ने कहा कि उपभोक्ताओं के द्वारा खाद्य सामग्रियों का ज्यादा भंडार जुटाने के कारण हमें सभी खंड में ऑर्डर में वृद्धि देखी है और यह कुछ समय तक जारी रहने की संभावना है.’’ उन्होंने कहा कि मांग में बढ़ोतरी ज्यादातर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से हुई है, जबकि सामान्य व्यापार से ऑर्डर का स्तर सुस्त है. केवल दूध ही नहीं, पनीर, दही, घी जैसे अन्य डेयरी उत्पादों की मांग भी बढ़ गई है क्योंकि लोग लॉकडाउन के मद्देनजर आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से इन वस्तुओं को बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं.
देवेंद्र शाह ने कहा सार्वजनिक परिवहन की अनुपलब्धता के कारण काम करने वालों की कमी जैसी चुनौती भी है. आनंद डेयरी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर एस दीक्षित ने कहा कि समस्याएं हैं लेकिन हम देश की सेवा करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं.
प्रमुख डेयरी कंपनी अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा था कि हाल के दिनों में देश में दूध की कोई कमी नहीं है और लोगों को डेयरी उत्पादों की जमाखोरी नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि इस सहकारी कंपनी ने मांग वृद्धि को पूरा करने के लिए आपूर्ति में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि की है.
Source : Bhasha