Advertisment

दालों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

केंद्र की मोदी सरकार ने अरहर इंपोर्ट (Tur Import) की समयसीमा को बढ़ाकर 15 नवंबर तक कर दिया है. पहले इसकी समयसीमा 31 अक्टूबर तक थी.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
दालों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

अरहर इंपोर्ट (Tur Import) की समयसीमा बढ़ी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अब दाल कीमतों (Pulses Price) पर भी लगाम लगाना चाह रही है. दरअसल, हाल के दिनों में दालों की कीमतों में हल्का इजाफा देखने को मिला है. यही वजह है कि सरकार कीमतों में लगाम को लेकर सतर्क हो गई है. कीमतों पर लगाम लगाने के उद्देश्य के तहत ही मोदी सरकार ने अरहर इंपोर्ट (Tur Import) की समयसीमा को बढ़ाकर 15 नवंबर तक कर दिया है. पहले इसकी समयसीमा 31 अक्टूबर तक थी.

यह भी पढ़ें: दुनिया के इन देशों में है सबसे ज्यादा सोना (Gold Reserve), जानिए भारत कितने नंबर पर

31 दिसंबर 2019 तक समयसीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे व्यापारी
बता दें कि सरकार ने पहले सभी व्यापारियों को विदेश से इंपोर्ट की अरहर को अक्टूबर में ही इंपोर्ट करने के निर्देश दिए थे. वहीं अब सरकार ने इसकी समयसीमा को बढ़ा दिया है. हालांकि व्यापारी इस समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 तक करने की मांग कर रहे थे. गौरतलब है कि ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने अरहर इंपोर्ट की समयसीमा को बढ़ाने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था. ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल का कहना है कि 11 अक्टूबर को समयसीमा बढ़ाने के मुद्दे पर पीयूष गोयल से मिलकर चर्चा की गई थी. गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार ने तुअर (अरहर) के इंपोर्ट के लिए सिर्फ 4 लाख टन कोटा तय किया है.

यह भी पढ़ें: Post Office Monthly Income Scheme-POMIS: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम से हर महीने होगी मोटी कमाई

1 हफ्ते में 500 क्विंटल बढ़ गए तुअर के दाम
राजधानी दिल्ली के नया बाजार मार्केट में पिछले 1 हफ्ते में अरहर दाल (कच्चा) की थोक कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिली है. नया बाजार मंडी के दाल मिलर और कारोबारी दीपक गोयल के मुताबिक पिछले 1 हफ्ते में अरहर की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. उनका कहना है कि लेमन तुअर और स्थानीय अरहर का भाव 1 हफ्ते में 500 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर क्रमश: 5,800 रुपये और 6,200 रुपये हो गया है. उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों में उड़द में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है.

यह भी पढ़ें: प्याज की कीमतों में कमी लाने के लिए यह बड़ा कदम उठाएगी मोदी सरकार

दक्षिण अफ्रीकी देशों में फसल में देरी से किया था समयसीमा बढ़ाने का आग्रह
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल के मुताबिक दक्षिण अफ्रीकी देशों जैसे केन्या, मोजांबिक, मालावी और सूडान आदि में अरहर की फसल में देरी होने की वजह से हमने सरकार से अरहर इंपोर्ट की समयसीमा को बढ़ाने के लिए आग्रह किया था. उनका कहना है कि वहां अगस्त-सितंबर के दौरान इस बार अरहर की फसल आई थी, जिसमें पिछले साल के मुकाबले करीब 2 महीने का विलंब है. कीमतों में हल्की बढ़ोतरी और फसल में देरी की वजह से भारतीय दाल मिलें 31 अक्टूबर तक अरहर इंपोर्ट नहीं कर पाई. सरकार ने इन सबको देखते हुए इंपोर्ट की समयसीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है.

यह भी पढ़ें: Gold Price Today 6 Nov 2019: जारी रह सकती है सोने-चांदी में गिरावट, अब क्या बनाएं रणनीति, जानें यहां

सुरेश अग्रवाल का कहना है कि पूरे मध्यप्रदेश और गुजरात में अनुमान से अधिक बारिश होने की वजह से उड़द की फसल को काफी नुकसान हुआ है. यही वजह है कि उड़द की कीमतों में ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है. पिछले 1 महीने में उड़द की कीमतों में करीब 20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बता दें कि मौजूदा समय में उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,650 रुपये है और अभी मंडियों में भाव बढ़कर 7,000-7,500 रुपये प्रति क्विंटल के आस-पास चल रहा है. उनका कहना है कि गुजरात के पोरबंदर, जूनागढ़, गोंडल और राजकोट आदि में भारी बारिश की वजह से उड़द की फसल को काफी नुकसान हुआ था.

Tur Import Kharif Pulses Narendra MOdi Governmaent Arhar Import Pulses Import Time Limit
Advertisment
Advertisment