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उपभोक्ताओं के साथ धोखा करना पड़ेगा महंगा, मोदी सरकार 20 जुलाई से लागू करने जा रही है ये नया कानून

नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 अगले सप्ताह 20 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएगा जिसके बाद किसी उत्पाद के संबंध में भ्रामक विज्ञापन देना महंगा पड़ जाएगा क्योंकि नए कानून में भ्रामक विज्ञापन देने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है.

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Dhirendra Kumar
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PM Narendra Modi

नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Consumer Protection Act 2019: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार उपभोक्ताओं के हितों के लिए 20 जुलाई से देशभर में नया कानून लागू करने जा रही है. नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 अगले सप्ताह 20 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएगा जिसके बाद किसी उत्पाद के संबंध में भ्रामक विज्ञापन देना महंगा पड़ जाएगा क्योंकि नए कानून में भ्रामक विज्ञापन देने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 की अधिसूचना जारी कर दी है. यह कानून उपभोक्ता संरक्षण कानून-1986 की जगह लेगा.

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15 जुलाई को खाद्य मंत्रालय ने जारी की थी अधिसूचना 

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 15 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, यह कानून 20 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएगा. मालूम हो कि नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 इस साल जनवरी में ही लागू होना था लेकिन किसी कारणवश इसकी तिथि मार्च के लिए बढ़ा दी गई थी. हालांकि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इसकी तिथि आगे टल गई, लेकिन अब इसकी अधिसूचना जारी हो गई है और 20 जुलाई से देशभर में नया उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू हो जाएगा.

नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में विवादों के त्वरित निपटारा करने के मकसद से मध्यस्थता के लिए एक वैकल्पिक विवाद निपटारे की व्यवस्था की गई है. नए कानून में उपभोक्ता अदालतों अलावा एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का प्रावधान है.

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भारत में उपभोक्ता विश्वास जुलाई में बढ़ा : रिपोर्ट
आर्थिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने के बाद देश में जुलाई में उपभोक्ता विश्वास में सुधार हुआ है. यह जानकारी मासिक रीफिनिटिव-इप्सास प्राइमरी कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स (पीसीएसआई) से सामने आई है. इप्सास की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत के लिए उपभोक्ता भावना सूचकांक जुलाई 2020 में 2.6 प्रतिशत बढ़ गया है. जून में इसमें मामूली 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जबकि अप्रैल और मई में इसमें भारी गिरावट आई थी. मासिक पीसीएसआई से पता चलता है कि जुलाई 2020 में सभी चार उपसूचकांकों में सुधार हुआ है. पीसीएसआई चार उपसूचकांकों को मिलाकर निकाला जाता है.

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पीसीएसआई रोजगार विश्वास उपसूचकांक में 0.7 प्रतिशत सुधार हुआ है, आर्थिक उम्मीद उपसूचकांक में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पीसीएसआई निवेश वातावरण उपसूचकांक में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और मौजूदा निजी वित्तीय स्थिति उपसूचकांक में 2.2 प्रतिशत वृद्धि हुई. इप्सास इंडिया के सीईओ अमित आदरकर ने कहा, "कोविड-19 के सभी धुंधलके के बीच अनलॉक-2 से कुछ उम्मीद लौटी है. अर्थव्यवस्था और आजीविका के संदर्भ में कुछ हद तक सामान्य स्थिति लौट रही है, जिसके कारण आशावाद में मामूली सुधार हुआ है. (इनपुट आईएएनएस)

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