Palm Oil News: देश में पहले ही ज्यादातर खाद्य तेल के बाजार में मंदी का रुझान बना हुआ है. ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार द्वारा पाम ऑयल इंपोर्ट के लिए नए लाइसेंस जारी करने का फैसला कीमतों पर और दबाव ला सकता है. बता दें कि रबी फसल की सप्लाई बढ़ने पर सरसों और अन्य तिलहन की कीमतों पर दबाव की आशंका बढ़ गई है. भारत ने नेपाल, इंडोनेशिया और बांग्लादेश तीन देशों से लगभग पांच लाख टन रिफाइंड पाम तेल (Refined Palm Oil) आयात करने के लिए 70 लाइसेंस जारी किए हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
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8 जनवरी को रिफाइंड पाम तेल के इंपोर्ट पर लगाया था प्रतिबंध
आठ जनवरी को केंद्र सरकार ने रिफाइंड पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सूत्रों ने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने करीब पांच लाख टन रिफाइंड पाम तेल आयात करने के लिए 60-70 आयात लाइसेंस जारी किए हैं. ये लाइसेंस केवल 18 महीने की अवधि के लिए वैध होंगे. इस वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान भारत ने लगभग 23 लाख टन रिफाइंड पाम तेल यानी हर महीने लगभग 2.5 लाख टन तेल का आयात किया.
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भारत दुनिया में वनस्पति तेल का सबसे बड़ा इंपोर्टर
भारत दुनिया में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक है और सालाना लगभग डेढ करोड़ टन का आयात करता है. इसमें से पाम तेल का 90 लाख टन आयात शामिल है, जबकि शेष 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी का तेलों का आयात किया जाता है. इंडोनेशिया और मलेशिया दो देश हैं जो ताड़ यानी पॉम तेल की आपूर्ति करते हैं. मलेशिया एक साल में 1.90 करोड़ टन ताड़ के तेल का उत्पादन करता है, जबकि इंडोनेशिया 4.30 करोड़ टन पॉम तेल का उत्पादन करता है. सरकार का रिफाइंड पॉम तेल को प्रतिबंधित सूची में लाने का कदम नए नागरिकता कानून और कश्मीर मुद्दे पर मलेशिया की टिप्पणी की पृष्ठभूमि में सामने आया. (इनपुट भाषा)