Petrol Diesel Rate: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव 130 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है. बता दें कि इससे पहले यह भाव 2008 में दर्ज किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से 10 मार्च यानी 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के आने के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो जहां सफर करना महंगा हो जाएगा. वहीं दूसरी ओर माल ढुलाई का खर्च भी बढ़ जाएगा, जिससे रोजमर्रा की चीजें महंगी होने की आशंका है.
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बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल और डीजल का दाम बीते चार महीने से स्थिर बने हुए हैं. जानकारों का कहना है कि तेल कंपनियों को इसकी वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ICICI Securities (आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज) की रिपोर्ट के अनुसार कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से सरकारी तेल कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं कंपनियों की ओर से इसको कम करने के लिए अब देश की जनता पर बोझ डालने की तैयारी हो रही है.
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कितना बढ़ सकता है दाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. जानकारों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये से 22 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है. आंकड़ों के मुताबिक ब्रेंट क्रूड दिसंबर के दौरान 10.22 फीसदी, जनवरी में 17 फीसदी, फरवरी में 10.7 फीसदी और मार्च में अब तक 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है. मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के मुताबिक रूस से कच्चे तेल की सप्लाई प्रभावित होने पर
वैश्विक बाजार में कच्चा तेल रिकॉर्ड 185 डॉलर बैरल तक पहुंच सकता है.
HIGHLIGHTS
- क्रूड के दाम लगातर बढ़ने के बावजूद पेट्रोल-डीजल 4 महीने से स्थिर
- पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने पर महंगा हो जाएगा सफर