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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming) से हमारा किसी भी तरह का कोई लेना देना नहीं, Reliance Industries का बड़ा बयान

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) का कहना है कि कृषि कानूनों से  रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है.

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Dhirendra Kumar
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited)

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) ( Photo Credit : newsnation)

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी सब्सिडरी जियो इंफोकॉम के जरिये एक याचिका पेश करते हुए दायर कर शासन से उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गैरकानूनी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. कंपनी का कहना है कि तोड़फोड़ की इन कार्रवाइयों में संलिप्त उपद्रवियों को हमारे व्यावसायिक प्रतिद्वंदी तथा निहित स्वार्थी तत्व उकसा और साथ दे रहे हैं. 

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रिलायंस का कहना है कि कृषि कानूनों से  रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है. कृषि कानूनों को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपना पक्ष रखा है. कंपनी की ओर से जारा बयान के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL), रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (RJIL) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग करती है और न ही करवाती है और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है.

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प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन नहीं खरीदी है
इसके अलावा कॉर्पोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती हेतू रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा/पंजाब अथवा देश के किसी दूसरे हिस्से नहीं खरीदी है. न ही भविष्य में भी ऐसा करने की हमारी कोई योजना है. भारत में संगठित खुदरा व्यापार में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है. यह देश में दूसरी कंपनियों, निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के विभिन्न ब्रांडों के खाद्य, अनाज, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं, परिधान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी श्रेणियों के उत्पादों को बेचती है. यह किसानों से खाद्यान्न की सीधी खरीद नही करती. 

कंपनी ने कभी भी दीर्घकालिक खरीद अनुबंध नहीं किए
किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी भी दीर्घकालिक खरीद अनुबंध नहीं किए हैं, और न ही  ऐसा चाहा कि इसके आपूर्तिकर्ता किसानों से उनके पारिश्रमिक मूल्य से कम पर माल खरीदें और न ही ऐसा कभी होगा. 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले  किसान अन्नदाता हैं और उनका हम सम्मान करते हैं. रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. किसानों की सेवाओं के ग्राहक होने के नाते हम एक नए भारत में  साझा समृद्धि, बराबर की भागीदारी, समावेशी विकास के आधार पर किसानों के साथ एक मजबूत और समान साझेदारी में विश्वास करते हैं.

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इसलिए, रिलायंस और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत, कल्पनाशीलता और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज का किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिले इसका पूरा समर्थन करते है। रिलायंस स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है, और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है. हम अपने आपूर्तिकर्त्ताओं को सख्ती से कहेंगे की वे सरकार द्वारा या किसी अन्य तंत्र द्वारा  लागू या प्रस्तावित किसी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और / या कृषि उपज के लिए तयशुदा आकर्षक मूल्य के आधार पर ही खरीद करें.

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