Rice News Today: पंजाब के धान के कारोबार और खेती से जुड़े लोगों के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. पंजाब सरकार द्वारा मंजूर किये गये, धान (Paddy) के लिए स्वीकृत नई कस्टम मिलिंग नीति के तहत मिलों के आबंटन, उनके पंजीकरण और भौतिक सत्यापन सहित चावल की सुपुर्दगी परिचालन के काम को वर्ष 2020-21 सत्र के लिए आनलाइन किया जाएगा. एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है. प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2020-21 के लिए नई कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य राज्य में संचालित 4,150 से अधिक मिलों में धान की निर्बाध मिलिंग और केंद्रीय पूल में चावल की डिलीवरी सुनिश्चित करना है.
यह भी पढ़ें: GST Council की 41वीं बैठक आज, जानिए क्या हो सकते हैं सस्ते-महंगे
राज्य सरकार ने एक समर्पित पोर्टल शुरू करने का भी निर्णय लिया
धान की बिना किसी परेशानी के आराम से खरीद सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने एक समर्पित पोर्टल शुरू करने का भी निर्णय लिया है. प्रवक्ता ने कहा कि सालाना खरीद के पूरे कामकाज - मिलों के आबंटन, उनके पंजीकरण, रिलीज आर्डर का आवेदन, शुल्क और लेवी का जमा किया जाना / सुरक्षा के अलावा स्टॉक की सभी महत्वपूर्ण निगरानी का काम ऑनलाइन किया जाएगा. सभी राज्य खरीद एजेंसियों, पंग्रेन, मार्कफेड, पनसुप, पंजाब स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (पीएसडब्ल्यूसी) तथा भारतीय खाद्य निगम, और राइस मिलर्स और अन्य सभी अंशधारक नोडल विभाग के रूप में खाद्य कार्य विभाग के साथ वेबसाइट पर काम करेंगे और परस्पर वार्ता करेंगे.
यह भी पढ़ें: सोने-चांदी में आज मजबूती के आसार, जानिए सुबह की बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल्स
इस नीति के तहत, चालू सत्र में मिलों को धान के आवंटन का एकमात्र आधार पिछले वर्ष के प्रदर्शन का होगा. जिन मिलों ने 31 जनवरी, 2020 तक अपनी पूरी मिलिंग का काम पूरा कर लिया था, वे नीति के अनुसार 2019-20 में 15 प्रतिशत अतिरिक्त धान के लिए पात्र होंगे. जिन लोगों ने 28 फरवरी, 2020 तक चावल की डिलीवरी पूरी कर ली थी, उन्हें 10 प्रतिशत अतिरिक्त धान मिलेगा. स्टॉक की सुरक्षा के लिए, इस वर्ष मिलर्स को 3,000 टन के ऊपर आवंटित धान की अधिग्रहण लागत के 10 प्रतिशत के बराबर, बढ़ी हुई बैंक गारंटी देने की आवश्यकता होगी.
यह भी पढ़ें: एक दिन की ब्रेक के बाद आज फिर महंगा हो गया पेट्रोल, जानिए नए रेट
जो पिछले साल 5,000 टन के लिए पांच प्रतिशत ही थी. प्रवक्ता ने कहा कि बैंक गारंटी जमा करने की समय सीमा कम होने से प्रत्यक्ष निगरानी के दायरे में अतिरिक्त 1,000 मिलें आएंगी. एक अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीफ सत्र के दौरान राज्य में 170 लाख टन धान की खरीद होने की उम्मीद है, इस साल धान की बुवाई का कुल रकबा 26.60 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले सत्र के 29.20 लाख हेक्टेयर से कम है। ऐसा प्रदेश सरकार के फसल विविधीकरण के प्रयासों के कारण हुआ है. (इनपुट भाषा)