देशभर में बीते सप्ताह मानसून की चाल थोड़ी सुस्त पड़ गई, लेकिन खरीफ फसलों (Kharif Crop) की बुवाई जोरों पर चल रही है. खासतौर से तिलहनों और दलहनों के रकबे में पिछले साल के मुकाबले जबरदस्त इजाफा हुआ है. तिलहन फसलों (Oilseed Crop) में सोयाबीन (Soybean) का रकबा पिछले साल से 398 फीसदी बढ़ गया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी खरीफ फसलों के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ फसलों की बुवाई 432.97 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की समान अवधि के रकबे से 202.94 लाख हेक्टेयर यानी 88.22 फीसदी ज्यादा है.
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कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि दलहनों और तिलहनों की खेती ज्यादातर असिंचित भूमि वाले क्षेत्रों में होती है जहां मानसून की अच्छी बारिश ने किसानों का उत्साह बढ़ा दिया है. तिलहनों का रकबा पिछले साल की समान अवधि का रकबा 33.63 लाख हेक्टेयर से 75.57 लाख हेक्टेयर यानी 224.71 फीसदी बढ़कर 109.20 लाख हेक्टेयर हो गया है. तिलहनों में सबसे ज्यादा सोयाबीन की बुवाई 81.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 16.43 लाख हेक्टेयर से 65.38 लाख हेक्टेयर यानी 397.93 फीसदी ज्यादा है. मूंगफली की बुवाई अब तक 25.05 लाख हेक्टेयर में सूर्यमुख 36000 हेक्टेयर, तिल 1.75 लाख हेक्टेयर, राम तिल 7000 हेक्टेयर और अरंडी की बुवाई 16000 हेक्टेयर में हुई है.
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अब तक देशभर में दलहनों की बुवाई 36.82 लाख हेक्टेयर में हुई
सभी दलहनों की बुवाई अब तक देशभर में 36.82 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 27.36 लाख हेक्टेयर यानी 289.21 फीसदी अधिक है. खरीफ सीजन में अरहर, उड़द, मूंग, कुल्थी व कुछ दलहनों की खेती होती है. अरहर का रकबा 16.56 लाख हेक्टेयर, उड़द का 8.77 लाख हेक्टेयर और मूंग 9.40 हेक्टेयर हो चुका है. खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख खाद्यान्न फसल धान की रोपाई व बुवाई इस साल अब तक 68.08 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की समान अवधि के रकबे से 18.85 लाख हेक्टेयर यानी तकरीबन 38.28 फीसदी ज्यादा है.
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मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल से 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ा
मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल से 100 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 70.69 लाख हेक्टेयर हो गया है. सबसे प्रमुख नकदी फसल कपास का रकबा पिछले साल से करीब 100 फीसदी बढ़कर 91.67 लाख हेक्टेयर हो गया है. गन्ने का रकबा 50.62 लाख हेक्टेयर हो गया है जोकि पिछले साल से 76000 हेक्टेयर अधिक है. सिर्फ जूट और मेस्टा की बुवाई पिछले साल से कम हुई है. जूट और मेस्टा का रकबा 5.89 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल से 91000 हेक्टेयर कम है. देश में इस साल मानसून के दौरान अब तक अच्छी बारिश हुई है, हालांकि बीते सप्ताह ज्यादातर मैदानी इलाकों में मानसून की बेरुखी देखने को मिली और पूरे देश में औसत से एक फीसदी कम बारिश हुई. बीते सप्ताह 25 जून से लेकर एक जुलाई तक देशभर में 53.4 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इस दौरान औसत बारिश 53.8 मिलीमीटर होती है, लेकिन एक जून से लेकर एक जुलाई तक देशभर में औसत से 15 फीसदी अधिक बारिश हुई हैं. इस दौरान देशभर में 201.6 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि औसत बारिश 175 मिलीमीटर होती है.