Spice Export: विकसित और विकासशील देशों में मांग बढ़ने से देश से मसालों का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 में 10 प्रतिशत बढ़कर 3.7 अरब डॉलर (करीब 28,100 करोड़ रुपये) हो गया. इससे एक साल पहले वित्त वर्ष 2018-19 में देश से 3.32 अरब डॉलर के मसालों का निर्यात हुआ था. विशेषज्ञों के अनुसार देश के मसाला निर्यात को बढ़ाने में इलायची (Cardamom) और सोंठ की अहम भूमिका है. भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि देश में खेती-बाड़ी करने के अच्छे तौर तरीकों के चलते अदरक (सोंठ मसाले के तौर पर) और इलायची की पैदावार में इजाफा हुआ है.
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सोंठ के एक्सपोर्ट में 47 फीसदी तक की बढ़ोतरी
देश का सोंठ निर्यात 47 प्रतिशत तक बढ़ा है. इसमें भी प्रमुख मांग बांग्लादेश बाजार से देखी गयी. समीक्षावधि में बांग्लादेश को 3.22 करोड़ डॉलर का सोंठ निर्यात किया जो पिछले साल का 1.8 गुना अधिक है. इसी तरह मोरक्को को किया जाने वाला निर्यात भी 20 लाख डॉलर से बढ़कर 1.3 करोड़ डॉलर हो गया है. भारत प्रमुख तौर पर मिर्च, जीरा, मसालों के तेल, करी पाउडर, काली मिर्च, धनिया, सौंफ, लहसुन, पुदीना, मेथी दाना, अजवायन और जायफल का निर्यात करता है.
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जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018- 19 में देश से 11 लाख 250 टन मसालों और उनके विभिन्न उत्पादों का निर्यात किया गया जबकि इससे पिछले साल 2017- 18 में कुल 10 लाख 28 हजार 60 टन मसालों का निर्यात किया गया था. सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका, चीन, वियतनाम, थाइलैंड, बांग्लादेश, यूएई, ब्रिटेन, मलेशिया, श्रीलंका, इंडानेशिया और जर्मनी को किया जाता है.