Rabi Crops: हालिया बारिश के कारण इस साल देशभर में गेहूं और चना समेत तमाम रबी फसलों की बुवाई सुस्त पड़ गई है. रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी से ज्यादा पिछड़ा हुआ है जबकि दलहनों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले करीब 16 फीसदी कम हुई है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी रबी फसलों की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में रबी फसलों की बुवाई 148.23 लाख हेक्टेयर में हो पाई है जबकि पिछले साल अब तक 167.67 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी थी. इस प्रकार, रबी फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 19.44 लाख हेक्टेयर यानी 11.59 फीसदी पिछड़ा हुआ है.
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पिछले साल से कम हुई गेहूं की खेती
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं की बुवाई 32.98 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल अब तक गेहूं का रकबा 42.40 लाख हेक्टेयर हो चुका था. इस प्रकार गेहूं का रकबा पिछले साल से 9.42 लाख हेक्टेयर यानी 22.21 फीसदी कम है. दलहन फसलों की बुवाई 45.60 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल दलहनों का रकबा 54.20 लाख हेक्टेयर हो चुका था. इस प्रकार दलहनों का रकबा पिछले साल से 8.61 लाख हेक्टेयर यानी 15.88 फीसदी पिछड़ा हुआ है. चना का रकबा अब तक 32.48 लाख हेक्टेयर है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4.93 लाख हेक्टेयर यानी 13.17 फीसदी कम है.
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तिलहन का रकबा भी पिछड़ा
तिलहनों की बुवाई 46.12 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल अब तक तिलहनों फसलों की बुवाई का रकबा 47.36 लाख हेक्टेयर हो चुका था. हालांकि मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हो चुका है. देशभर के किसानों ने अब तक 17.26 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुवाई की है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 17.20 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हुई थी. देश में गेहूं की बुवाई सबसे पहले गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में शुरू होती है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीज कारोबारियों ने बताया कि अक्टूबर महीने में हुई बारिश के कारण रबी फसलों की बुवाई सुस्त चल रही है.
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कृषि विशेषज्ञ भी बताते हैं कि हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से किसान खेतों की जुताई समय से नहीं कर पाए और कई जगहों पर खेतों में नमी ज्यादा है, इसलिए बुवाई में देरी हुई है. हालांकि विशेषज्ञ बताते हैं कि रबी की बुवाई की अभी शुरुआत ही है, आने वाले दिनों में यह जोर पकड़ सकती है.