Wheat Hoarding: बीते शनिवार को सरकार ने गेंहू के निर्यात पर रोक लगा दी है. गेंहू के निर्यात पर रोक तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है. माना जा रहा है कि सरकार ने जमाखोरी पर लगाम कसने के लिए यह रोक लगाई है, हालांकि जरूरत पड़ने पर आगे सरकार अपने फैसले की समीक्षा कर सकती है. गेंहू के निर्यात पर रोक लगाने की बड़ी वजह महंगाई को काबू करना है. साल के शुरुआत से ही गेंहू की कीमतों में आई तेजी से आटा और आटे से बनने वाली चीजों के महंगे होने का खतरा बना हुआ था. वहीं पहले से ही देश के कई हिस्सों में आटे की कीमत आम आदमी के सर पर बड़ा बोझ बनी हुई हैं. देश के कई इलाकों में आटे की कीमत में 40 प्रतिशत तक का उछाल आया है.
देश में नहीं है गेंहू आपूर्ति संकट
बता दें गेंहू के निर्यात पर रोक लगाए जाने का फैसला गेंहू आपूर्ति संकट की वजह नहीं लिया गया है. कॉमर्स सेक्रेटरी (Commerce Secretary to Government of India) बी वी सुब्रमण्यम ने बताया है कि यह फैसला बढ़ती महंगाई को कंट्रोल में लाने के लिए लिया गया है. इसके साथ ही इस फैसले से भारत के पड़ोसी देश जो गरीब हैं या आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं उनकी खाद्य जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा.
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गरीब देशों की मदद के लिए तैयार
कॉमर्स सेक्रेटरी बी वी सुब्रमण्यम (Commerce Secretary to Government of India)ने जानकारी दी है कि गेंहू जैसी संवेदनशील वस्तु हर आम आदमी की जरूरत है इसलिए यह फैसला सही समय पर लिया गया है. वहीं अगर पड़ोसी देश आग्रह करेंगे तो उनकी खाद्य जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए निर्यात के फैसले पर समीक्षा होगी.
जल्द नीचे आएंगे दाम
फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडे का कहना है कि इस फैसले के बाद से गेंहू की कीमतें एक हफ्ते में ही गिर जाएंगी. वहीं गेंहू की कीमत गिरने से आटे की कीमत पर भी इसका प्रभाव देखा जाएगा. उन्होंने बताया कि खाने के तेल की कीमतों में भी सुधार देखने को मिला है. इस लिए उम्मीद की जा सकती है कि सरकार का यह फैसला जल्द राहत पहुंचाएगा.
HIGHLIGHTS
- सरकार का फैसला एक हफ्ते में ही दिलाएगा राहत
- देश के कई इलाकों में आटे के दामों में 40% का उछाल