महंगाई डायन खाय जात है. इस गाने की धुन आपके आस-पास फिर से सुनाई देने वाली है. दरअसल, गेहूं की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से आटे की कीमतें महंगी होने की संभावना है. ऐसे में अगर आटे की कीमतें बढ़ती हैं तो निश्चिततौर पर आपकी थाली पर गंभीर असर पड़ने वाला है. हाजिर बाजार में फ्लोर मिल और स्टॉकिस्ट की मांग में बढ़ोतरी की वजह से गेहूं की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है.
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दिल्ली में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा भाव
दिल्ली में गेहूं का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. दिल्ली में गेहूं का दाम 2,100 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया है. बता दें कि अप्रैल में गेहूं का दाम 1,750 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 135 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की वजह से गेहूं की कीमतों में मजबूती देखने को मिल रही है. वहीं मौजूदा समय में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) भी 2,135 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं बेच रहा है.
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आवक घटने का भी असर
कारोबारियों का कहना है कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की आवक में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. बता दें कि इन राज्यों में बड़ी निजी कंपनियों की खरीद ज्यादा होती है. आवक कम होने की वजह से स्टॉकिस्ट थोक के भाव में गेहूं की खरीदारी कर रहे हैं ताकि निकट भविष्य में तेजी आने पर उससे मुनाफा कमाया जा सके. आवक घटने से आने वाले दिनों में गेहूं की कीमतों में और तेजी की आशंका बरकरार है.
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13.30 लाख टन बढ़ा गेहूं उत्पादन
कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक 2018-19 में देश में गेहूं उत्पादन 13.30 लाख टन बढ़ सकता है. 2018-19 में 10.12 करोड़ टन गेहूं उत्पादन होने का अनुमान है. वहीं 2017-18 में देश में गेहूं उत्पादन 9.987 करोड़ टन हुआ था.
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341.32 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद
सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष (2019-20) में देशभर के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 341 लाख टन से ज्यादा गेहूं खरीदा है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 341.32 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल देशभर में 357 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है. पिछले सीजन 2018-19 में सरकारी एजेंसियों ने देशभर में 357.95 लाख टन गेहूं की खरीद की थी.