Advertisment

सामाजिक जिम्मेदारी के मद में खर्च नहीं करने वाली 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू

सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के नियमों का उल्लंघन करने वाली 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
सामाजिक जिम्मेदारी के मद में खर्च नहीं करने वाली 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

Advertisment

सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के नियमों का उल्लंघन करने वाली 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

कॉरपोरेट मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने कहा कि कंपनी एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी है।

मंत्री ने कहा कि सरकार कंपनियों के सीएसआर फंड के खर्च किए जाने के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है लेकिन कंपनी एक्ट 2013 के तहत इसकी निगरानी की जाती है।

नियम के मुताबिक मुनाफे कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन सालों की सालाना औसत का करीब 2 फीसदी हिस्सा सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़े कार्यों में खर्च करना होता है। अगर कोई कंपनी ऐसा करने में असफल रहती है, तो उसे इसका कारण बताना होता है।

गौरतलब है कि मंत्रालय इस मामले में करीब 1,018 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है। क्षेत्रीय निदेशक (आरडी) और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय ने इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का फैसला लिया गया है।

चौधरी ने कहा, 'मंत्रालय ने कंपनी एक्ट की धारा 134 (8) के तहत 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने को मंजूरी दी है।' कानून के तहत सीएसआर प्रावधान का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 25 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

मंत्रालय की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 में 12,431 कंपनियों ने सीएसआर मद में 2014-15 में 18,625 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

इससे पहले केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि उद्योग जगत का कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) खर्च सरकार के सार्वजनिक खर्च में मददगार बन सकता है।

अर्थशास्त्र के नोबेल के दावेदारों में शामिल आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन

कंपनी कानून में संशोधन के बाद बीते तीन-चार वर्षो से सीएसआर अस्तित्व में हैं। जेटली ने यहां एक्सिस बैंक के सीएसआर कार्यक्रम में कहा, 'केंद्र और राज्य सरकारें पैसा खर्च करती हैं। यदि यह (सीएसआर खर्च) इस काम से जुड़ जाए तो इससे काफी मदद मिल सकती है।'

उन्होंने कहा कि 2013 में जब कंपनी कानून में संशोधन किया गया था और मुनाफे से सीएसआर का हिस्सा निकालना अनिवार्य कर दिया गया था, तब उद्योग के एक वर्ग ने इसे अतिरिक्त कर बताया था।

जेटली ने कहा, 'लेकिन इन तीन-चार वर्षो में हमने देखा है कि यह कारगर साबित हो रहा है।'

उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित देश में कॉरपोरेट चैरिटी हमेशा से सेवा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण औजार है। जेटली ने कहा, 'भारत में पारंपरिक रूप से ऐसा नहीं है। भारत में चैरिटी हमेशा समुदायों के साथ जुड़ी हुई है।'

जेटली ने कहा कि जिस क्षेत्र में सीएसआर व्यय किया जाएगा, उस क्षेत्र का चुनाव करना अत्यधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए।

छोटे कारोबारियों को मोदी सरकार का दीवाली गिफ्ट, GST रिटर्न अब हर तीन महीने में, बिना पैन कार्ड खरीदे ज्वैलरी

HIGHLIGHTS

  • सामाजिक जिम्मेदारी के लिए खर्च नहीं करने पर 160 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
  • कंपनियों को अपने तीन सालों की सालाना औसत का करीब 2 फीसदी हिस्सा सीएसआर में खर्च करना पड़ता है

Source : News Nation Bureau

corporate affairs ministry CSR जर्नल एक्सीलेंस अवार्ड company CSR violations
Advertisment
Advertisment