वित्त वर्ष 2012-13 के बाद पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से खाता धारकों के लिए अब तक का सबसे कम ब्याज प्रतिशत डालने को कहा है।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पांच करोड़ अंशधारकों के खातों में 8.55 प्रतिशत ब्याज डालने को कहा है।
श्रम मंत्रालय ने पत्र लिखकर ईपीएफओ के 120 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालयों को वित्त वर्ष 2017-18 के लिये अंशधारकों के भविष्य निधि (पीएफ) खातों में 8.55 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफ पर 8.55 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दे दी थी लेकिन कनार्टक चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू थी। आचार संहिता के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था।
बता दें कि 21 फरवरी 2018 को हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिये 8.55 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया था। जिसके बाद श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय की मंजूरी के लिये यह सिफारिश भेजी थी।
हालांकि वित्त मंत्रालय की सहमति से इसे लागू नहीं किया जा सका और बाद में 12 मई को होने वाले कर्नाटक चुनाव से पहले आचार सहिंता लगे होने के कारण इसमें और देरी हुई।
ईपीएफओ ने 2016-17 के लिये 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया था। वहीं 2015-16 में यह 8.8 प्रतिशत , 2014-15 और 2013-14 में यह ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी। वर्ष 2012-13 में ईपीएफओ ने 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था।
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Source : News Nation Bureau