देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) का वर्किंग कल्चर पर दिया बयान देश की संसद तक पहुंच चुका है. उनका यह बयान बीते माह काफी चर्चा में रहा. इसका कारण था कि दशकों तक जिस देश में सरकार ही नहीं बल्कि प्राइवेट संस्थानों में भी 8-9 घंटे का वर्क कल्चर हो, वहां पर रोज करीब 12 घंटे के काम यानि सप्ताह में 70 घंटे वर्किंग (70 Hour Work) की बात की जाए ये हैरानी वाली बात है. देश में यह चर्चा का विषय है और अब यह बयान संसद (Parliament) में भी गूंजा. सरकार ने इस पर अपनी राय साफ की है.
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कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संसद में सोमवार को तीन विपक्षी सांसदों ने इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति द्वारा बोले गए सप्ताह में 70 घंटे काम (70-Hour Work In Week) के विचार पर सरकार के रुख के बारे में जानने को लेकर सवाल किया था. इन संसद सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए केंद्र श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली (Rameswar Teli) ने कहा, 'हफ्ते में 70 घंटे काम करने से संबंधित ऐसा किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.
आखिर क्या कहा था इंफोसिस के को-फाउंडर ने?
गौरतलब है कि नारायण मूर्ति ने बीते माह एक पॉडकास्ट में इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई से बात करते हुए कहा कि जब देश के युवा हफ्ते में 70 घंटे काम करेंगे. तभी भारत उन अर्थव्यवस्थाओं संग प्रतिस्पर्धा लगा सकता है, जिन्होंने बीते दशकों में कामयाबी हासिल की है. उन्होंने कहा कि भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी विश्व में सबसे कम है. देश का मुकाबला चीन से है और ऐसे में युवाओं को अतिरिक्त घंटे काम करना चाहिए. जैसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने किया.
अब इस मामले को लेकर संसद में तीन विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार का विचार जानने के लिए सवाल किया. इस पर श्रम और रोजगार मंत्री ने सरकार का रुख बताने की कोशिश की. तीनों सांसदों कांग्रेस की ओर से कोमाटी वेंकट रेड्डी, भारत राष्ट्र समिति की ओर से मन्ने श्रीनिवास रेड्डी और वाईएसआरसीपी नेता कनुमुरु रघु राम कृष्ण राजू ने अपने सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को प्रतिस्पर्धी बनाने और प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंफोसिस को-फाउंडर के प्रस्ताव का मूल्यांकन करने वाली है?