केन्द्र सरकार से वेतन और पेंशन ले रहे करीब 1 करोड़ लोगों के हाथों निराश लगी है। इन लागों को उम्मीद थी कि सरकार 15 अगस्त को न्यूनतम वेतन के संबंध में घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। चर्चा थी कि सरकार चुनावों को देखते हुए सातवें वेतनमान से अलग न्यूनतम सैलरी और फिटमेंट फेक्टर में बढ़ोत्तरी कर सकती है।
आने वाले आम चुनाव को दुखते हुए केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री लाल किले से संबंध में कुछ घोषणा कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने अर्थव्यवस्था की अच्छी तस्वीर लोगों को दिखाई लेकिन सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के न्यूनतम वेतन को लेकर कुछ भी नहीं कहा।
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हालांकि हरियाणा इस मामले में पहल कर चुका है उसने सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में 1 जनवरी 2016 से टीचिंग और नान टीचिंग कर्मचारियों की सैलरी बढ़ा दी है। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने जनवरी 2019 से 7वें वेतन के तहत अपने कर्मचारियों को फायदा देने का ऐलान कर दिया है। इसी के चलते केन्द्र सरकार के सबसे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी 15 अगस्त को उम्मीद कर रहे थे कि उनके लिए सरकर की तरफ से कुछ घोषणा सकती है।
Source : News Nation Bureau