विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद इंफोसिस का पूरा बोर्ड नारायणमूर्ति के खिलाफ लामबंद हो गया है। वहीं नारायणमूर्ति ने पलटवार करते हुए कहा कि 'वह सही समय आने पर सही मंच' से जवाब देंगे।
इंफोसिस के सीईओ (चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर) और एमडी (मैनेजिंग डायरेक्टर) पद से इस्तीफा देने के बाद सिक्का ने कहा, 'मेरे लिए लगातार झूठे आरोपों को सुनते रहने के बाद काम करना मुश्किल हो रहा था। मैंने तीन साल पहले इंफोसिस के साथ काम करना शुरू किया था और मैं इस दौरान हासिल की गई उपलब्धियों से खुश हूं।'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी के को-चेयरमैन आर वेंकटेशन भी मौजूद थे। सिक्का के इस्तीफे के कारणों का समर्थन करते हुए वेंकटेशन ने कहा, 'हम बेहद दुख के साथ सिक्का का इस्तीफा स्वीकार कर रहे हैं लेकिन साथ में उन कारणों को पूरी तरह से समझते हैं (जिसकी वजह से सिक्का को इस्तीफा देना पड़ा)।'
सिक्का ने एक अगस्त 2014 को कंपनी ज्वाइन की थी और तब से कंपनी के स्टॉक में करीब 20 फीसदी से अधिक की तेजी आई है जबकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों मसलन टीसीएस में शेयरों में जहां 2 फीसदी की तेजी आई वहीं विप्रो के शेयरों में करीब 8 फीसदी की उछाल आई है। चौथी बड़ी आईटी कंपनी एचसीएल के शेयरों में करीब 15 फीसदी की तेजी आई है।
कंपनी का पूरा बोर्ड एक सुर में सिक्का के पक्ष में बोलता नजर आया। को-चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने कहा, 'कंपनी का अगली सीईओ बनने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। बोर्ड सिक्का के रणनीतिक फैसलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।'
सिक्का की तारीफ करते हुए वेंकटेशन ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है कि विशाल सिक्का एक शानदार प्रोफेशनल हैं। यह बात पूरी दुनिया जानती है। वह एक नेता की तरह उभरे हैं।'
इंफोसिस में मचे घमासान का असर कंपनी के निवेशकों के साथ बाजार पर देखने को मिला। सिक्का के इस्तीफे के बाद जहां कंपनी के शेयर 11 फीसदी तक टूट गए वहीं सेंसेक्स भी 500 अंकों तक लुढ़क गया।
हालांकि आखिरी घंटों में बाजार में रिकवरी दिखी और सेंसेक्स 271 अंक टूटकर 31,525 और निफ्टी 9,837.40 पर बंद हुआ। वहीं इंफोसिस का शेयर 9.60 फीसदी की टूट के साथ 923.10 रुपये पर बंद हुआ।
निवेशकों को जबरदस्त नुकसान
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही इंफोसिस ने शेयरों के बायबैक किए जाने के प्रस्ताव पर बोर्ड की बैठक के बारे में स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी थी। करीब 13,000 करोड़ रुपये के बायबैक की खबरों को बाजार ने हाथों हाथ लिया और गुरुवार को कंपनी के शेयर 4.54 फीसदी की तेजी के साथ 1021.15 रुपये पर बंद हुआ।
इंफोसिस के सीईओ और एमडी पद से विशाल सिक्का का इस्तीफा
हालांकि शुक्रवार को यह तेजी जारी नहीं रह पाई। सिक्का के इस्तीफे की खबर के बाद शुक्रवार को कंपनी के शेयरों ने गुरुवार की बढ़त को गंवा दिया। बीएसई में कंपनी के शेयर 10 फीसदी से अधिक तक टूट गए, जिससे निवेशकों को करीब 30,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ।
हालांकि कंपनी के बोर्ड ने बायबैक पर किसी तरह के असर नहीं होने की सफाई देकर निवेशकों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की। इंफोसिस के चेयरमैन आर शेषाय ने कहा, 'सिक्का के इस्तीफे से कंपनी के बायबैक पर कोई असर नहीं होगा।'
अकेले पड़े मूर्ति की सफाई
वहीं पूरे मामले में नारायणमूर्ति अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। सैलरी और कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर पिछले कुछ महीनों से नारायणमूर्ति और सिक्का के बीच विवाद चल रहा था। सिक्का ने इसी को आधार बनाते हुए सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दिया।
सिक्का के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मूर्ति ने कहा कि वह सही समय आने पर जवाब देंगे। मूर्ति ने कहा, 'वह आरोपों को लेकर सही समय पर सही मंच पर जवाब देंगे।'
इंफोसिस के शेयरों की जबरदस्त पिटाई से करीब 500 अंक टूटा सेंसेक्स
मूर्ति ने कहा, 'इंफोसिस के बोर्ड की तरफ से लगाए गए आरोपों को लेकर गुस्से में हैं और इस तरह के बेबुनियाद आरोपों का जवाब देना उनकी गरिमा के खिलाफ है।'
इंफोसिस के बोर्ड पर कब्जे को लेकर पिछले कुछ महीनों से चल रही लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। सिक्का के इस्तीफे के बाद जिस तरह से बोर्ड ने मूर्ति के खिलाफ मोर्चा खोला है, उसके आने वाले दिनों कंपनी में विवाद के गहराने की आशंका बढ़ गई है।
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HIGHLIGHTS
- विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद इंफोसिस का पूरा बोर्ड नारायणमूर्ति के खिलाफ लामबंद हो गया है
- नारायणमूर्ति ने कहा कि सिक्का के आरोपों का सही समय पर सही मंच से दूंगा जवाब
Source : Abhishek Parashar