टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी एयरसेल ने मुंबई के नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में खुद को बैंकरप्ट (दिवालिया) घोषित करने के लिए आवेदन दिया है।
कंपनी ने कहा कि आर्थिक रूप से कर्ज में डूबे होने के कारण कंपनी के कारोबार पर नेगेटिव असर पड़ा है। मलेशियाई प्रमोटर मैक्सिस कम्यूनिकेशंस ने कंपनी में और निवेश करने से मना कर दिया है।
गौरतलब है कि सितंबर 2016 में रिलायंस जियो के लॉन्च के बाद से एयरसेल लगातार घाटे में चल रही है। कई सर्कल्स में कंपनी की सर्विस बंद होने की वजह से सैकड़ों लोगों के रोजगार पर संकट गहरा गया है।
हाल ही में कंपनी ने 6 टेलिकॉम सर्कल्स में अपनी सेवाएं बंद की हैं।
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आपको बता दें कि अगर एनसीएलटी एयरसेल की दिवालिया घोषित करने की अपील पर विचार करता है तो वह 270 दिनों के भीतर कंपनी के रीपेमेंट प्लान तैयार करने के लिए एक इनसॉल्वेंसी रेजॉलूशन प्रफेशनल नियुक्त करना होगा।
अगर रेजॉलूशन प्रफेशनल ट्राइब्यूनल को रीपेमेंट प्लान देने पर सहमति बनाने में नाकामयाब रहता है तो कंपनी को दिवालिया घोषित कर इसके लिक्विडेशन की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।
दिसंबर 2017 के आंकड़ों के अनुसार कंपनी देश की छठी सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस ऑपरेटर है और इसके लगभग 8.5 करोड़ उपभोक्ता देश भर में हैं।
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Source : News Nation Bureau