एशिया के सबसे अमीर आदमी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी मुश्किल में हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में अनंत अंबानी को शामिल करने का मामला उलझता जा रहा है. कुछ दिन पहले रिलायंस एजीएम में आकाश, ईशा और अनंत को बोर्ड में शामिल करने की मंजूरी दी गई थी. लेकिन अब अनंत अंबानी को बोर्ड में शामिल करने के बाद उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है. दो कंसल्टेंसी कंपनियों ने इसका विरोध किया है. अब सवाल है कि आखिर दोनों कंपनियों ने विरोध क्यों किया है?
विरोध क्यों हो रहा है?
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर सर्विसेज इंक और मुंबई स्थित इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज ने आपत्ति जताई है. दोनों कंपनियों ने हवाला दिया है कि अनंत अंबानी अभी वयस्क नहीं हुए हैं. उनकी उम्र नहीं हुई है. कंपनियों ने मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज बोर्ड में नियुक्त करने के प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की सिफारिश की है.
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ईशा और आकाश का विरोध नहीं
हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट आई थी, आईएसआईएस की ओर से 12 अक्टूबर को एक नोट जारी किया गया था. नोट में बताया गया कि मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की उम्र और अनुभव कम है. इस नोट से मिली जानकारी से पता चला कि अंबानी के नेतृत्व बोर्ड का लगभग 6 वर्षों का अनुभव उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ वोट की गारंटी देता है. वहीं, दोनों कपंनियों ने ईशा और आकाश अंबानी को बोर्ड में शामिल होने के लेकर समर्थन जताया है.
ये कंपनी समर्थन कर रही है
आपको बता दें कि रिलायंस में संस्थापकों की 41 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि विदेशी और स्थानीय संस्थानों के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी है. वे प्रॉक्सी फर्मों के सुझावों पर अपना वोट देते हैं. अनंत अंबानी को बोर्ड में नियुक्त करने के प्रस्ताव पर शेयरधारकों को 26 अक्टूबर तक मतदान करना है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्सी फर्म ग्लास लुईस अनंत का समर्थन कर रही है.
Source : News Nation Bureau