सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने शनिवार को कहा कि देश ने कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुए संकट से उबरने में अनुकरणीय लचीलापन दिखाया है और अब सभी मापदंडों ने कोविड-पूर्व स्तर को पार कर लिया है. नागेश्वरन ने यहां हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (एचआईपीए) में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएं, चुनौतियां और कार्य बिंदु’ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविड संकट से निपटने के भारतीय प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा, ‘भारत ने कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए संकट से उबरने में एक अनुकरणीय लचीलापन दिखाया है.’
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की सभी प्रमुख गतिविधियों और मापदंडों ने अपने पूर्व-कोविड स्तर को पार कर लिया है और अब यह वृहद-आर्थिक स्तर पर अनुकूल वातावरण का लुत्फ ले रहा है. नागेश्वर ने कहा कि सरकार ने नीतिगत स्तर पर त्वरित और सटीक कदम उठाए हैं और इसे भारतीय रिजर्व बैंक के सही समय पर उठाए गए हस्तक्षेपकारी कदमों से भी समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि विकासशील और विकसित देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था विभिन्न बुनियादी बिंदुओं पर दृढ़ और स्थिर है. विकसित दुनिया कम मुद्रास्फीति से उच्च मुद्रास्फीति की ओर बढ़ रही है और ऐसे समय में हम मुद्रास्फीति-जनित दबाव को काबू में रखने में कामयाब रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘आज निजी निवेश में मजबूत सुधार देखा जा रहा है और देश के पास अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में व्याप्त अशांति का सामना करने के लिए सुविधाजनक विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में डिजिटल भुगतान की उच्च वृद्धि देश में तेजी से बदलाव का पुख्ता संकेत देती है.’ मुख्य आर्थिक सलाहकार ने उम्मीद जतायी कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के अनुमानों के अनुरूप भारत वर्ष 2027 तक पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी वाली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है.