आम आदमी को चालू वित्त वर्ष में महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है. एशियाई विकास बैंक (ADB) ने रुपये में मजबूती और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पूर्वानुमान में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की मुद्रास्फीति यानि महंगाई का पूर्वानुमान घटाकर 4.10 फीसदी कर दिया है.
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एडीबी ने एशियाई विकास परिदृश्य 2019 के साथ कहा कि भारत दक्षिण एशिया क्षेत्र की मुद्रास्फीति को कम करने का मुख्य कारक रहेगा. गौरतलब है कि इससे पहले एशियाई विकास बैंक ने चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 4.30 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
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दक्षिण एशिया के लिए भी घटाया अनुमान
एडीबी ने दक्षिण एशिया के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.70 फीसदी से घटाकर 4.50 फीसदी कर दिया है. परिदृश्य में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 2019-20 के लिए 0.20 फीसदी घटाकर सात फीसदी कर दिया है.
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एडीबी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में अनुमान से कम तेजी, अक्टूबर 2018 के बाद रुपये में मजबूती और जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में कमी के कारण भारत की मुद्रास्फीति का अनुमान 0.20 फीसदी घटाकर 2019-20 के लिए 4.10 फीसदी और 2020-2021 के लिए 4.40 फीसदी किया जाता है.
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थोक महंगाई 2 साल के निचले स्तर पर
बता दें कि जून 2019 के दौरान थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर घटकर 23 महीने के निचले स्तर 2.02 फीसदी पर आ गई है. सब्जियां, ईधन और बिजली के सामानों की कीमतों में कमी की वजह से थोक महंगाई में कमी देखने को मिली है. जून 2018 में थोक महंगाई दर 5.68 फीसदी दर्ज की गई थी. हालांकि जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 3.18 फीसदी हो गई.
HIGHLIGHTS
- एशियाई विकास बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की महंगाई का पूर्वानुमान घटाकर 4.10 फीसदी किया
- भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 2019-20 के लिए 0.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी कर दिया है
- ADB ने दक्षिण एशिया के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.70 फीसदी से घटाकर 4.50 फीसदी किया