Auto Sector Crisis: कुछ महीने से ऑटो सेक्टर काफी बुरे दौर से गुजर रहा है. मौजूदा हालात की बात करें तो ऑटो इंडस्ट्री (Autu Industry) में भारी मंदी का माहौल है. देश की कई बड़ी कंपनियों ने जहां उत्पादन में कमी कर दी है. वहीं दूसरी ओर लाखों नौकरियां जाने की आशंका भी जताई जाने लगी है. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (Society of Indian Automobile Manufacturers-SIAM) के मुताबिक अकेले ऑटो सेक्टर में 10 लाख नौकरियां जाने का खतरा बढ़ गया है.
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वित्त मंत्री ने ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए लोगों के माइंडसेट को ठहराया जिम्मेदार
बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए लोगों के माइंडसेट को जिम्मेदार ठहरा दिया था. उन्होंने मंगलवार को कहा था कि लोग आजकल ओला-उबर कैब का इस्तेमाल भी खूब जमकर कर रहे हैं. कैब के इस्तेमाल की वजह से लोगों को गाड़ी की ईएमआई भरे बिना ही गाड़ी का लुत्फ उठा रहे हैं इसके अलावा लोग मेट्रो में भी सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं.
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इन सबके बीच बजाज ऑटो (Bajaj Auto) के MD राजीव बजाज (Rajiv Bajaj) ने अपने पूर्व में दिए गए बयान की ही तरह फिर से एक अलग बयान दे दिया है. राजीव बजाज ने बयान दिया है कि अधिक उत्पादन और आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) की वजह से ऑटो सेक्टर में सुस्ती देखी जा रही है. उनका कहना है कि अगर मोदी सरकार द्वारा GST में कटौती की जाती है तो भी इस फैसले का बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
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राजीव बजाज के मुताबिक इंडस्ट्री BS-6 मॉडल के हिसाब से अपने आप को ढालने में लगी हुई है. नवंबर तक यह समस्या खत्म होने की उम्मीद है. उन्होंने गाड़ियों की बिक्री घटने की वजह आर्थिक नीतियों को बताया है. हालांकि उन्होंने कहा कि सभी इंडस्ट्री में ग्रोथ या मंदी आती है और ऑटो सेक्टर की स्थिति सुधरने में कितना समय लगेगा इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. हालांकि 1 या 2 साल में स्थिति सुधरने की उम्मीद है. उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति के लिए ऑटो सेक्टर खुद जिम्मेदार है.