केंद्र सरकार ने कहा कि बैंकों के पुनर्पूजीकरण और फंसे हुए कर्ज (एनपीए) के समाधान के नतीजे दिखने लगे हैं, जो कि अप्रैल में बैंकों द्वारा दिए जानेवाले कर्ज में दो अंकों की वृद्धि दर से प्रतिबिंबित होता है।
वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा एनपीए के समाधान से बैंकों को मदद मिली है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, '2017 के अक्टूबर में बैंकों में डाली गई पूंजी के नतीजे दिखने लगे हैं। बैंक क्रेडिट (कर्ज) में इस साल अप्रैल में 10.4 फीसदी की तेजी आई, जो कि 2017 के अक्टूबर में 5.9 फीसदी पर थी। इससे मार्च में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को सहारा मिला, जो कि 7.7 फीसदी रहा।'
उन्होंने आगे कहा, 'एनसीएलटी के द्वारा एनपीए के समाधान और राइट बैंक से बैंकों को मदद मिली है।'
बैंकिंग सचिव स्पष्ट रूप से सरकार द्वारा पिछले साल सरकारी बैंकों के लिए घोषित 2.11 लाख करोड़ रुपये के पुनर्पूजीकरण (पूंजी लगाने) का जिक्र कर रहे थे।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में बैंकों का सकल क्रेडिट बढ़कर 10.4 फीसदी रहा, जो कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के बाद सर्वाधिक है।
और पढ़ें: सैलरी में निम्नतम बढ़ोतरी से नाराज बैंक कर्मचारियों ने फिर दी हड़ताल की धमकी
Source : IANS