एयरसेल-मैक्सिस डील में मारन बंधुओं को बड़ी राहत मिली है। सीबीआई की विशेष अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस डील में मारन बंधु समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
मारन बंधुओं पर मोबाइल कंपनी एयरसेल पर दबाव डालकर कंपनी के शेयर मैक्सिस को बेचने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप था। एयरसेल और मैक्सिस के बीच डील तब हुई थी जब दयानिधि मारन यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री थे। आरोपो से बरी होने के बाद दयानिधि मारने ने कहा कि, ' मैं पहले दिन से कह रहा था मैं इसमें कहीं से भी दोषी नहीं हूं और ये एक राजनीतिक साजिश थी। लेकिन 6 साल की मेहनत के बाद मैंने खुद को निर्दोष साबित कर दिया।'
Saying from day1 its a politically motivated case,I've been victim.Struggled for 6 long years to prove innocence-DMaran on Aircel-Maxis case pic.twitter.com/AtH9PWFS9p
— ANI (@ANI_news) February 2, 2017
वहीं आरोपों से बरी होने के बाद कनिमोड़ी ने कहा है कि कानून सबसे ऊपर है और उन्हें कानून से न्याय मिल गया है।
Finally law has prevailed and justice has been done: Kanimozhi on Aircel-Maxis case judgement discharging Dayanidhi Maran & others pic.twitter.com/XY95uJjdoe
— ANI (@ANI_news) February 2, 2017
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज कराए गए एयरसेल-मेक्सिस सौदे के मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।
आरोप तय करने से जुड़ी दलीलों के दौरान पब्लिक प्रॉस्क्यूटर आनंद ग्रोवर ने दावा किया कि दयानिधि ने वर्ष 2006 में चेन्नई के एक टेलीकॉम प्रमोटर सी शिवशंकरन पर दबाव बनाया था कि वह एयरसेल और दो सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को मलेशियाई कंपनी मैक्सिस समूह को बेच दें।
सीबीआई ने मारन बंधुओं, राल्फ मार्शल, टी आनंद कृष्णन, मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी (प्रा) लि, ब्रिटेन की मेसर्स एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मलेशिया की मेसर्स मेक्सिस कम्यूनिकेशन बेरहाड, मलेशिया की मेसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) दिवंगत जे एस सरमा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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सभी आरोपियों के खिलाफ खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दंडनीय अपराधों व भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप दायर किया गया था।
इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड (एसएएफएल) के प्रबंध निदेशक के शणमुगम, और सन डायरेक्ट टीवी प्रा लि के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था।
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क्या था एयरसेल-मैक्सिस डील?
मैक्सिस मलेशिया की एक कंपनी है जिसका मालिकाना हक मलेशियाई बिजनेसमैन टी आनंद कृष्णन के पास है। एयरसेल पहले सी सिवसंकरन की कंपनी थी। साल 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी।
बाकी की 26 फीसदी हिस्सेदारी अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप से संबंधित एक कंपनी के पास है, जिसका मालिकाना हक सुनीता रेड्डी के पास है। रेड्डी अपोलो के ग्रुप फाउंडर डॉ सी प्रताप रेड्डी की बेटियों में से एक हैं।
मैक्सिस को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए दबाव बनाए जाने के एयरसेल के मालिक सी सिवसंकरन के बयान के बाद पूरी डील विवादों के घेरे में आ गई थी। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला के सामने आने के बाद एयरसेल मैक्सिस डील विवादों के घेरे में आ गई। 2जी घोटाला मामले की जांच की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पूर्व संचार मंत्रियों की भूमिका के जांच के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ए राजा से पहले दूरसंचार मंत्री रहे दयानिधि मारन के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया था। इसी विवाद की वजह से मारन को अप्रैल साल 2011 में इस्तीफा देना पड़ा था।
सीबीआई ने 29 अगस्त 2014 को पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन, मलेशियाई कंपनी मैक्सिस के ओनर टी आनंद कृष्णन, मैक्सिस ग्रुप के वरिष्ठ कार्यकारी राल्फ मार्शल और सन डायरेक्ट समेत चार अन्य कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
HIGHLIGHTS
- एयरसेल-मैक्सिस डील में मारन बंधुओं को बड़ी राहत मिली है
- सीबीआई की विशेष अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस डील में मारन बंधु समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है
Source : News State Buraeu