भारतीय जनता पार्टी (BJP) इन दिनों अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के 4 प्रमुख मुद्दों पर काम करने में जुटी है. इंडस्ट्रियल पॉलिसी, रिटेल ट्रेड, ई-कॉमर्स और विदेशी व्यापार नीति को लेकर भाजपा सुझावों का पुलिंदा तैयार करने में जुटी है. इसके लिए अर्थशास्त्रियों और सभी सेक्टर के विशेषज्ञों, उद्यमियों से मीटिंग कर सुझाव लिए जा रहे हैं. सारे सुझावों पर रिपोर्ट तैयार कर बीजेपी केंद्र सरकार को सौंपेगी. माना जा रहा है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार (Modi Government) इन सुझावों पर अमल करते हुए नई नीतियां बना सकती है.
हो रही हैं बैठकें
भाजपा पिछले एक हफ्ते के बीच अब तक कुल चार बैठक इस मामले में सभी सेक्टर के लोगों के साथ कर चुकी है. भाजपा में इस योजना को देख रहे आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, 'देश में आज भी 1948 की औद्यौगिक नीति चली आ रही है. 1948 की पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी में बाद के वर्षो में हुए मामूली सुधार नाकाफी साबित हो रहे हैं. 1991 में कुछ नई व्यवस्थाएं कीं थीं, लेकिन बदलते जमाने में बड़े बदलावों की जरूरत है. ऐसे में पॉलिसी को लेकर पार्टी विशेषज्ञों के साथ मंथन कर रही है. सभी सुझाव सरकार को भेजे जाएंगे.'
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ये रहे चार सैक्टर जहां हो सकते हैं बदलाव
औद्यौगिक नीति में सुधार के साथ खुदरा व्यापार, ई कामर्स, विदेशी व्यापार में आयात-निर्यात से जुड़ीं तमाम समस्याओं का हाल विशेषज्ञों के साथ बैठकों के जरिए भाजपा ढूंढने की कोशिश कर रही है. अर्थशास्त्री, ट्रेडर्स, उद्यमियों से लेकर इस सेक्टर में रिसर्च करने वालों को इन बैठकों में शामिल किया जा रहा है. दरअसल, मोदी सरकार अपने न्यू इंडिया मिशन के तहत आत्मनिर्भर भारत अभियान को धरातल पर उतारने में जुटी है. फॉरेन ट्रेड पॉलिसी से लेकर रिटेल और ई कामर्स को लेकर सरकार सशक्त नीति बनाना चाहती है. ऐसे में भाजपा का संगठन सभी चारों सेक्टर को लेकर प्रस्तावित नई पॉलिसी के लिए सुझाव लेने में जुटा है.
जल्द सरकार को रिपोर्ट
भाजपा के आर्थिक प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, 'जैसे आम बजट से पहले भाजपा ने अर्थ जगत के सभी हितधारकों से बातचीत कर सुझावों को सरकार तक पहुंचाया था. जिसमें कई सुझावों को बजट में जगह मिली थी. उसी तरह से चार प्रमुख पॉलिसीज- इंडस्ट्रियल पॉलिसी यानी औद्यौगिक नीति- रिटेल ट्रेड, खुदरा व्यापार, ई कामर्स, इलेक्ट्रानिक नेटवर्क पर व्यापार और फॉरेन ट्रेड पॉलिसी यानी विदेशी व्यापार नीति पर इस वक्त सुझाव लिए जा रहे हैं. अब तक चार बैठकें हो चुकीं हैं. काम पूरा होने पर रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी.'
Source : IANS