मोदी सरकार को झटका, IMF ने घटाया भारत का जीडीपी अनुमान, नोटबंदी और GST को बताया जिम्मेदार

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने नोटबंदी और जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज) को जिम्मेदार बताते हुए भारत की वृद्धि दर को 2017 के लिए घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
मोदी सरकार को झटका, IMF ने घटाया भारत का जीडीपी अनुमान, नोटबंदी और GST को बताया जिम्मेदार

IMF ने घटाया भारत का जीडीपी अनुमान, चीन से पीछे हुआ भारत (फाइल फोटो)

Advertisment

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने नोटबंदी और जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज) को जिम्मेदार बताते हुए भारत की वृद्धि दर को 2017 के लिए घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है।

पिछले दो अनुमान के मुकाबले भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.5 फीसदी की कटौती की गई है।

कई अन्य रेटिंग एजेंसियों के बाद आईएमएफ की तरफ से की गई कटौत मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका है।

केंद्र सरकार ने एक जुलाई 2017 से देश में जीसएटी को लागू किया जबकि पिछले साल 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला लेते हुए सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था। सरकार का दावा था कि नोटबंदी के फैसले से काला धन, नकली नोट और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही भारत का वृद्धि दर अनुमान चीन के 2017 के लिए जताए गए अनुमान 6.8 फीसदी से कम हो गया है।

पीएम मोदी ने माना जीडीपी घटी, लेकिन निराश होने की ज़रूरत नहीं, सरकार बदलेगी रुख़

वहीं आईएमएफ ने 2017 के लिए चीन के वृद्धि दर अनुमान को 0.1 फीसदी बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। विश्व के देशों की ग्रोथ रेट की सूची में भारत इस कटौती के साथ चीन से पीछे हो गया है।

साथ ही एजेंसी ने 2018 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को 0.3 फीसदी घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है। 2016 में भारत की जीडीपी 7.1 फीसदी रही थी और इसी आधार पर अप्रैल की रिपोर्ट में आईएमएफ ने जीडीपी अनुमान में 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।

वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक के नाम से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में ग्रोथ की रफ्तार में कमी आई है और इसकी वजह साल के बीच में लागू की गई जीएसटी को लेकर मौजूद अनिश्चितता है।'

आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में चीन को 2017 के ग्रोथ रेट अनुमान के आधार पर भारत से आगे रखा गया है।

विकासशील देशों में आगे रहेगा भारत

हालांकि 2018 में भारत सबसे तेजी के साथ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

वहीं इस साल चीन की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी जैसे सुधारों की वजह से मीडियम टर्म में वृद्धि दर बढ़कर 8 फीसदी रह सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने की वजह से भारत के बाजार का एकीकरण होग और इससे देश की अर्थव्यवस्था को मीडियम टर्म में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में श्रम बाजार से जुड़े नियमों को आसान बनाना कारोबार के लिए बेहतर माहौल बनाने की दिशा में लंबे समय से की जा रही मांग है।'

देश का राजकोषीय घाटा लक्ष्य के 96 फीसदी से अधिक

आईएमएफ ने कहा कि 1999 से 2008 के बीच भारत की सालाना औसत ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी थी जबकि 2009 में यह 8.9 फीसदी, 2010 में 10.3 फीसदी और 2011 में 6.6 फीसदी थी।

वहीं 2012, 2013 और 2014 में यह ग्रोथ रेट क्रमश: 5.5 फीसदी, 6.4 फीसदी और 7.5 फीसदी थी। हालांकि 2015 में यह बढ़कर 8 फीसदी हो गई।

आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत का ग्रोथ रेट अनुमान 8.2 फीसदी रखा है। एजेंसी ने 2017 के लिए 6.7 फीसदी और 2018 के लिए 7.4 फीसदी का अनुमान रखा था।

अन्य एजेंसी भी घटा चुके हैं रेटिंग

इससे पहले भी 2017 के लिए अन्य रेटिगं एजेंसियां भारत की रेटिंग में कटौती कर चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच भी भारत के जीडीपी अनुमान को 7.4 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर चुकी है।

फिच से पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) भी भारत के जीडीपी अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए 7.4 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर चुका है।

एडीबी ने रेटिंग में कटौती के लिए निजी खपत, मैन्युफैक्चरिंग और कारोबारी निवेश में आई कमी को जिम्मेदार बताया, तो वहीं आरबीआई और फिच ने कमजोर ग्रोथ रेट के लिए जीएसटी और नोटबंदी को कारण बताया।

अभी बाकी है अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन पर मोदी सरकार का इम्तिहान

HIGHLIGHTS

  • IMF ने नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार बताते हुए भारत की वृद्धि दर अनुमान में कटौती कर दी है
  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2017 के लिए भारत घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है
  • पिछले दो अनुमान के मुकाबले भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.5 फीसदी की कटौती है

Source : News Nation Bureau

IMF IMF lowers Indias growth forecast Demonetisation and GST
Advertisment
Advertisment
Advertisment