रिज़र्व बैंक के गवर्नर रह चुके सी रंगराजन ने सोमवार को कहा कि बैंक्स अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स की ज़िम्मेदारी से भाग नहीं सकते। आम बजट 2017 पर चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही।
पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन ने कहा कि हालांकि नोटबंदी के बाद पैदा हुए बुरे हालात, जल्द बाज़ार में नकदी की पर्याप्त आपूर्ति के साथ ख़त्म हो जाएंगे। हालांकि कुछ क्षेत्रों जैसे रियल एस्टेट में इसका असर रहेगा और इन क्षेत्रों को अपने कारोबार को बढ़ावा देने के लिए विचार करने की ज़रुरत है।
उन्होंने माना कि बैंकिंग सिस्टम दबाव में है और इसे उबारने के लिए बैंक्स में पूंजीकरण की ज़रुरत है। लेकिन उन्होंने कहा कि बेसिल I नियमों के मुताबिक रिस्क वेटेज एसेट्स के लिए 8 प्रतिशत पूंजीकरण का प्रावधान है। इसीलिए बजट में प्रस्तावित (10 हज़ार करोड़ रुपये कैपिटल इंफ्यूज़न) को 1-2 लाख करोड़ से तुलना नहीं करनी चाहिए।
पूर्व गवर्नर ने कहा कि, 'मेरे मुताबिक यह पूंजी पर्याप्त नहीं है लेकिन बैंक्स उनके एनपीए की ज़िम्मदेारी से नहीं भागना चाहिए जो उनके एसेट पोर्टफोलियो में है।'
साथ ही बजट में प्रस्तावित वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.2 प्रतिशत को बेहतर बताया है जोकि चालू वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत से कम है और पहले के अनुमान के मुताबिक 3 प्रतिशत ज़्यादा है।
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Source : News Nation Bureau