गैर-कानूनी जमा योजनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक-2018' में कुछ संशोधनों को मंजूरी दे दी. ये संशोधन विधेयक पर संसद की समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखकर करने का प्रस्ताव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह विधेयक गरीबों को ठगने वाली गैर-कानूनी जमा योजनाओं के खिलाफ कारगर कार्रवाई के उद्देश्य से लाया जा रहा है. नए संशोधनों से इस विधेयक को और ताकत मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसी योजनाएं चलाने वालों के खिलाफ कड़ी सजा और भारी जुर्माने के प्रावधान हैं. इसमें बेईमानी से कमाए गए पैसों की उगाही करने के भी पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं.
बयान में कहा गया है, 'निवेशकों की बचत की रक्षा के लिए एक प्रमुख नीतिगत पहल के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 और चिटफंड (संशोधन) विधेयक, 2018 को लाने को मंजूरी प्रदान की है. इस विधेयक का उद्देश्य देश में गैर-कानूनी जमा राशि से जुड़ी समस्याओं से निपटना है. ऐसी योजनाएं चला रही कंपनियां/संस्थान वर्तमान नियामक अंतरों का लाभ उठाते हैं और कड़े प्राशासनिक उपायों के अभाव में गरीबों और भोले-भाले लोगों को ठगते हैं.'
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उल्लेखनीय है कि पिछले चार साल में सीबीआई ने पोंजी स्कीम योजनाओं से जुड़े करीब 166 मामले दर्ज किए हैं. इनमें अधिकतर मामले पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हैं.
Source : News Nation Bureau