देश में आयकर दाताओं के लिए सरकार पूरी तरह 'फेसलेस', 'नेमलेस' 'ई-असेसमेंट' की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है। इस व्यवस्था को सरकार 2018 से लागू कर सकती है। इस प्रस्ताव पर आगे के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने मंगलवार को बैठक की है।
आयकर विभाग के लिए नीतियों को तैयार करने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने इस प्रस्ताव पर काम करने के लिए 9 सदस्यीय समिति गठित करने की अधिसूचना जारी की है।
मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता वाली यह समिति 28 फरवरी, 2018 को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने बताया, 'समिति की डेडलाइन फरवरी के अंत तक के लिए है। इससे ऐसा संकेत मिलता है कि सीबीडीटी, ई-असेसमेंट की प्रक्रिया को अगले साल की शुरूआती तीन महीनों में लागू कर सकती है।'
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इसके बाद सीबीडीटी की ओर से मंगलवार देर शाम को जारी किए गए एक आदेश में कहा गया, 'डिपार्टमेंट की ओर से फेसलेस और नेमलेस असेसमेंट प्रक्रिया को लागू करने पर सुझावों के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है।'
फिलहाल सीबीडीटी इस व्यवस्था को देश के कुछ बड़े शहरों में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर चला रही है। अब विभाग इस प्रोजेक्ट को पूरे देश में एक साथ लागू करने की कोशिश में लगा है।
यह कोशिश इसीलिए भी की जा रही है ताकि आयकरदाताओं को इनकम टैक्स विभाग के दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें और अधिकारियों का कम से कम सामना करना पड़े।
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Source : News Nation Bureau