मोदी सरकार ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय को लेकर जांच की मंजूरी दे दी है। इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीई करेगी। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है।
सीबीआई को शक है कि दोनों एयरलाइंस के विलय के कारण सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इस मामले में सीबीआई ने 3 एफआईआर दर्ज की है, जिनमें 111 विमानों की खरीद, विमानों को पट्टे पर देना और एयर इंडिया द्वारा मुनाफे वाले हवाई मार्गों को छोड़ना शामिल है।
इस मामले को लेकर सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा, 'जांच एजेंसी ने नागर विमानन मंत्रालय और एयर इंडिया के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हैं।'
गौड़ ने कहा, 'ये मामले यूपीए सरकार के कार्यकाल में मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित हैं। सरकार के इस फैसले से हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।'
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल जनवरी में जांच एजेंसी सीबीआई को आदेश दिया था कि वह 2004 से 2008 के बीच हुए विमानों की खरीद और उन्हें लीज पर लेने में हुई कथित तौर पर अनियमितताओं की जांच करे।
यह याचिका गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दायर किया है। प्रशांत भूषण ने विमानन कंपनियों को सरकारी खर्च पर द्विपक्षीय मार्गों के आवंटन सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।
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HIGHLIGHTS
- एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय को लेकर होगी जांच
- मोदी सरकार ने दी मंजूरी, सीबीआई करेगी जांच, तीन FIR दर्ज
Source : News Nation Bureau