केंद्रीय वित्त मंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (सीईए) ने शुक्रवार को वर्ष 2025 तक देश को पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली विशाल अर्थव्यवस्था में परिवर्तित होने का विश्वास व्यक्त करते कहा कि यह उच्च लक्ष्य 'निश्चित रूप से प्राप्त करने योग्य है.'
उनका यह बयान लगातार घटते वृद्धि के आंकड़ों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहराते संकटों के बीच आया है. इन संकटों में चेतावनी दी गई है कि 2008 में अमेरिका में सब-प्राइम संकट के कारण आई मंदी की तुलना में दुनिया कहीं अधिक गहरी मंदी का शिकार हो सकती है.
यह बयान ऐसे समय में भी आया है जब कॉरपोरेट बिक्री और लाभ कम हो रहे हैं और इसकी छाया बैंकिंग क्षेत्र में गहराते संकट में भी दिखती है. सीईए ने कहा, '2025 के लिए पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त करने योग्य है.' उन्होंने इस सिद्धांत में विश्वास व्यक्त किया है कि अगर लक्ष्य को 10 से 15 फीसदी बढ़ा दिया जाए तो इससे अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में मदद मिलती है.
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बता दें, 5 जुलाई को पेश किए गए बजट (देश का बहीखाता) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा था. वहीं एक दिन बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के दौरान भी 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की जरूरत पर जोर दिया. पीएम मोदी ने पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था अर्थ भी बताया. उन्होंने कहा कि दौड़ना ही न्यू इंडिया का सरोकार है. भारतीय अर्थव्यवस्था में पूरी संभावना है. हमारे सपने 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं.
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पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जितना बड़ा केक होगा, उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा. इसलिए हमने देश को 5 ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य रखा है. इस दौरान उन्होंने एक गुजराती कहावती भी सुनाई. इसका मतलब था कि कुएं में पानी होना चाहिए तभी सभी खेतों में पानी पहुंचेगी. परिवार में जितनी आमदनी होगी, उनमें समृद्धि का स्तर भी उतना ही ज्यादा होगा.
Source : Bhasha