मुख्य आर्थिक सलाहाकार अरविंद सुब्रहमण्यम के मुताबिक अमीर किसानों पर टैक्स लगाना चाहिए और उन्हें ग़रीब किसानों के साथ जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर संविधान में ऐसा नियम नहीं है जिससे कृषि आय पर कर लगाया जा सके लेकिन राज्य स्तर पर सरकारें निर्णय ले सकती है।
सीआईआई के सालाना आयोजन के दौरान बोलते हुए अरविंद सुब्रहमण्यम ने यह बात कहीं।
उन्होंने कहा 'कानूनी स्थिति ऐसी है... राज्य सरकारों को कृषि आय पर कर लगाने से कोई नहीं रोक सकता। संवैधानिक रोक केंद्र सरकार पर है कि सरकार कृषि आय पर टैक्स नहीं लगा सकती है। यहां भी, एक रास्ता यह है कि 29 राज्यों की सरकारें निर्णय ले सकती हैं अगर वो ऐसा करना चाहती है। उनके पास शक्ति है।'
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गरीब और अमीर किसानों के बीच अंतर को पहचानने के लिए ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा 'ऐसा क्यों है कि अमीर और ग़रीब किसानों के बीच अंतर करना मुश्किल है। जब आप किसान कहते हो, लोग सोचते हैं कि आप ग़रीब किसानों की बात कर रहे हो। तो क्या यह राजनीतिवश ऐसा है जो अमीर और ग़रीब किसानों में अंतर करने नहीं देता। हम क्यों अमीर किसान नहीं कह सकते जिनकी आय पर कर लगाना चाहिए।'
इससे पहले किसानों पर कर लगाने की किसी भी संभावना से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इंकार कर दिया था।
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इससे पहले नीति आयोग के सदस्य बिबेक ओबराय ने भी वित्त मंत्री को कृषि आय पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया था, जिसे अरुण जेटली ने अस्वीकार कर दिया था। चीफ इकनोमिक एडवायज़र ने हाल के महीनों में रुपये में आई बढ़त को चिंता का विषय बताया है।
उनके मुताबिक करेंसी में आई तेज़ी भारत के एक्सपोर्ट को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि रुपये में आई तेज़ी को देश और अर्थव्यवस्था के विकास के संकेतों की तरह नहीं देखना चाहिए।
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Source : News Nation Bureau