India-China Border Conflicts: भारत और चीन के बीच चल रहे ताजा सीमा विवाद में चीन का मीडिया भी भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगा हुआ है. चीन ने इसके लिए ग्लोबल टाइम्स (Global Times) को मोर्चे पर लगा दिया है. ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा है कि भारत और चीन के बीच चल रहे ताजा सीमा विवाद की वजह से पैदा हुए तनाव का असर भारत में चीनी कंपनियों तक भी फैलता हुआ दिख रहा है. उसने लिखा है कि चीन के उत्पादों के प्रति नफरत को देखते हुए चीनी स्मार्टफोन निर्माता ओप्पो ने बुधवार को भारत में अपने प्रमुख 5 जी हैंडसेट के लाइव ऑनलाइन लॉन्च को रद्द कर दिया है.
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भारत में राष्ट्रवाद का उदय व्यापारिक संबंधों के लिए नुकसानदायक: ग्लोबल टाइम्स
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारतीय राष्ट्रवाद का उदय चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को काफी नुकसान पहुंचाएगा. ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी देते हुए लिखा है कि अगर भारत सीमा पर तनाव को कम करने में तो इसका विपरीत असर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर पड़ेगा और इसका गंभीर नुकसान भारतीयों को हो सकता है. हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि दोनों सरकारों ने कुछ हद तक अपनी इच्छा को शांत करने की इच्छा व्यक्त की है. साथ ही दोनों देश अपने आर्थिक और व्यापार सहयोग को बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन भारत में चीन विरोधी भावना बढ़ने से संभावित जोखिमों के लिए चीनी व्यवसायों को सलाह देने की जरूरत है.
Rising Indian nationalism will harm business ties with China. If India fails to show rationality in the face of the border tension, then it would test bilateral economic ties, and, Indians may suffer more losses. https://t.co/Qomt6beVzC pic.twitter.com/O2hkO345Jk
— Global Times (@globaltimesnews) June 18, 2020
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पैसे और कर्मचारियों की सुरक्षा पर सावधानी बरतें चीनी कंपनियां: ग्लोबल टाइम्स
ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में लिखा है कि चीन की कंपनियों को गंभीर स्थिति में अपनी पूंजी और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतना चाहिए. इसके अलावा भारत में निवेश और उत्पादन की योजना पर विचार करना आवश्यक है जब तक कि दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा संकट का समाधान नहीं हो जाता.
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ग्लोबल टाइम्स ने लेख में लिखा है कि जहां तक मौजूदा स्थिति का संबंध है, इस बात से कोई इनकार नहीं करता है कि चीन और भारत के बीच सीमा विवाद द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों पर एक विपरीत असर डालेगा. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत में चीन विरोधी भावना कुछ समय के लिए जारी रहेगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चीनी कंपनियों को बेकार बैठना चाहिए और चीजों को शांत करने की प्रतीक्षा करनी चाहिए. यदि संभव हो तो उन्हें अपने निवेश में विविधता लाने और संभावित वैकल्पिक बाजारों की तलाश के बारे में सोचना चाहिए.