प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयला घोटाले (coal scam) की जारी जांच के दौरान छत्तीसगढ़ में 2008 में फतेहपुर कोयला ब्लॉक आवंटन (coal scam) मामले में प्रकाश इंडस्ट्रीज की 117.09 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है. ईडी ने मंगलवार को बताया कि इन संपत्तियों को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त किया गया है.
ईडी ने कहा, "प्रकाश इंडस्ट्रीज ने 17 नवंबर, 2007 को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज को कोयला ब्लॉक आवंटन (coal scam) के संबंध में गलत जानकारी मुहैया कराई थी. कोयला ब्लॉक को वास्तव में छह फरवरी, 2008 को प्रकाश इंडस्ट्रीज और एसकेएस इस्पात पॉवर लि. को संयुक्त रूप से आवंटित किया गया था." ईडी ने कहा कि शेयर बाजार को गलत जानकारी देने से प्रकाश इंडस्ट्रीज के शेयरों में अप्रत्याशित तेजी दर्ज की गई थी.
ईडी ने बताया, "दो अप्रैल, 2007 को प्रकाश इंडस्ट्रीज के शेयरों की कीमत 31 रुपये प्रति शेयर थी, जो चार जनवरी, 2008 को बढ़कर 351 रुपये प्रति शेयर हो गई. अपने शेयरों की कृत्रिम अप्रत्याशित तेजी का फायदा उठाते हुए कंपनी ने 62,50,000 तरजीही शेयर 180 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर जारी किए और पांच चुनी हुई कंपनियों को इन शेयरों की बिक्री की, जिससे कंपनी को शेयर पूंजी के रूप में 118.75 करोड़ रुपये की आय हुई."
ईडी ने 30 अगस्त, 2014 को केंद्रीय जांच ब्यूरो के एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज करने के बाद एक जांच शुरू की, जिसमें कंपनी ने कोयला मंत्रालय में 13 नवंबर, 2006 के विज्ञापन के अनुसार 12 जनवरी, 2007 को कोयला ब्लॉक आवंटन (coal scam) के लिए आवेदन किया था.
ईडी ने कहा कि इस आवेदन में कंपनी ने अपना गलत विवरण दाखिल किया था और इस तरह की गलतफहमी के आधार पर कंपनी को छह फरवरी, 2008 को फतेहपुर कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया था, जिसे 2014 में वापस ले लिया गया.
Source : PTI