Unbranded Food Grains Under GST Free: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) यानि कैट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बिना ब्रांड वाले खाने पीने की वस्तुओं को 5 फीसदी जीएसटी स्लैब में ना लाने की मांग की है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) का सरकार से कहना है कि रोटी, कपड़ा मकान हर आम आदमी की जरूरत है. ऐसे में खाने- पीने की चीजों पर जीएसटी का लगना महंगाई की मार है. जिसका प्रभाव देश की 130 करोड़ जनता पर सीधा पड़ेगा. बता दें सरकार द्वारा जीएसटी पर गठित मंत्रियों का समूह अपनी सिफारिशों को जीएसटी काउन्सिल (GST Council) की बैठक में सामने रखेगा. जिसके बाद इनके लागू होने ना होना को लेकर बैठक में तय किया जाएगा. जीएसटी काउन्सिल (GST Council) की बैठक 28-29 जून को चंडीगढ़ में होने जा रही है.
जीएसटी कानूनों और नियमों की समीक्षा हो
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि बीते महीनों जीएसटी से अच्छा राजस्व इक्ट्ठा हुआ है इसलिए किसी भी वस्तु पर जीएसटी लगाना का कोई मतलब नहीं बनता.उन्होंने कहा कि जीएसटी कानूनों और नियमों की नए सिरे से समीक्षा होनी चाहिए. साथ ही कहा कि जीएसटी पर गठित मंत्रियों के समूह की सिफारिशें एकतरफा लगती हैं. जिसमें समूह ने केवल राज्य सरकारों की ओर से मामले पर विचार किया है जबकि व्यापारियों से बात होना भी जरूरी था.
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कोई भी फैसला पीएम मोदी के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के ना हो खिलाफ
बी सी भरतीया और प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि मौजूदा सिफारिशों के एकतरफा होने के कारण अगर उन को लागू किया जाता है तो यह पपीएम मोदी के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के खिलाफ जा सकता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी की जटिल प्रणालियों को दूर किए जाने की आवश्यकता है.
HIGHLIGHTS
- रोटी कपड़ा मकान हर आम आदमी की जरूरत
- जीएसटी काउन्सिल की बैठक 28-29 जून को होगी