हाल ही में जीएसटी कटौती का असर अभी तक ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। यह बात एक सर्वे रिपोर्ट से सामने आई है। सर्वे के मुताबिक कई ग्राहकों ने बताया है कि रिटेलर्स ने जीएसटी कटौती के बाद अभी तक उत्पादों पर नए एमआरपी स्टिकर्स नहीं लगाए हैं।
टैक्स सिस्टम में यह बदलाव 15 नवंबर को हुआ था और इसका फैसला जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक में लिया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली इस बैठक में 178 उत्पाद 28 फीसदी के स्लैब से निकाल कर 18 फीसदी स्लैब के दायरे में कर दिए गए थे।
सरकार ने कहा था कि उत्पाद की कीमतों में हुए बदलाव के बारे में दुकानदारों को नए एमआरपी स्टीकर लगाकर ग्राहकों को अवगत कराना होगा और कंपनियों को ग्राहकों को नए बदलाव के बारे में जानकारी देनी होगी।
इस संबंध में लोकल सर्किल्स के कराए गए सर्वे में 14,000 वोट मिले है। पहले पोल (सवाल) में ग्राहकों से पूछा गया था कि क्या रिटेलर्स (दुकानदारों) ने जीएसटी कीमतों में हुए बदलाव को देना शुरु कर दिया है।
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इस प्रश्न के जवाब में 59 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्हें नए एमआरपी स्टीकर नहीं दिखाई दिए हैं। जबकि 28 फीसदी लोगों ने कहा कि ज़्यादातार उत्पादों पर लगे एमआरपी स्टीकर में कीमतों में बदलाव नहीं अंकित था।
सिर्फ 13 फीसदी लोगों ने कहा कि ज्यादातर उत्पादों पर एमआरपी स्टिकर में कीमतों में कमी देखी गई।
कई ग्राहकों का कहना है कि अपने लाभ मार्जिन में सुधार के लिए, खुदरा विक्रेता (रिटेलर्स) उत्पादों की कीमतों में कमी नहीं कर रहे हैं और जानबूझकर उन्हें पुरानी और उच्च दरों पर बेच रहे हैं।
इसी से जुड़े एक पोल सर्वे में पूछा गया कि क्या ई-कॉमर्स साइट्स जीएसटी कीमतों में बदलाव का फायदा दे रही हैं? इसके जवाब में 67 फीसदी ग्राहकों ने माना कि उन्हें कीमतों में बदलाव का स्टीकर किसी उत्पाद पर नहीं मिला।
वहीं, 19 फीसदी ने कहा कि कुछ उत्पादों पर कम कीमत वाला एमआरपी स्टीकर मिला था। सिर्फ 14 फीसदी ने माना कि ज्यादातर उत्पादों पर कम कीमत की एमआरपी स्टिकर मिली है।
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Source : News Nation Bureau