Coronavirus (Covid-19): क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के कारण आयी वैश्विक मंदी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की गैर-वित्तीय कंपनियों पर दबाव डालना जारी रखेगी. उसने कहा कि नकारात्मक ऋण रुझान 2020 की बाकी अवधि में भी जारी रहेगा. उसने कहा कि हालांकि, उन्नत और उभरते दोनों बाजारों में राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रमों ने वित्तीय बाजारों को स्थिर करने में मदद की है और कंपनियों को अस्थायी राहत प्रदान की है.
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उसने कहा कि कंपनियों के परिचालन प्रदर्शन और वित्तपोषण की क्षमता वित्तीय बाजार के झटके की चपेट में है, खासकर यदि संक्रमण की एक दूसरी लहर के कारण नये सिरे से लॉकडाउन लगाये जाते हैं. मूडीज समूह की क्रेडिट ऑफिसर एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्लारा लाउ ने कहा, "हमारा अनुमान है कि इस मंदी से उबरने में लंबा समय लगेगा. हालांकि लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील से साल की दूसरी छमाही में क्रमिक वापसी को समर्थन मिलना चाहिये. इस बीच मूडीज ने तीन सरकारी बीमा कंपनियों में सरकार के द्वारा 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने को क्रेडिट पॉजिटिव बताया.
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2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.1 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस
बता दें कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 2020 में 3.1 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान जताया है. एजेंसी ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के कारण एशिया में भौगोलिक स्थितियों में बदलाव आने की भी आशंका व्यक्त की. इससे पहले मूडीज ने अप्रैल में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2020 में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया था. (इनपुट भाषा)