Coronavirus (Covid-19): देश के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन है. दुकानों पर ताले लगे हुए हैं. होटल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट, जनरल स्टोर और छोटे से लेकर बड़े बाज़ारों में ताले लगे हुए हैं. यही नहीं इंडस्ट्री, रियल एस्टेट का कामकाज भी ठप है जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. कामगारों के पास काम नहीं है, काफी ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं लेकिन जो लोग रुके हैं उनके पास काम नहीं है. कोरोना की दूसरी लहर ने खपत आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को संकट में पहुंचा दिया है. इस लहर के चलते लगी पाबंदियों और हेल्थकेयर सिस्टम के कमजोर पड़ जाने से ग्राहकों के सेंटीमेंट अप्रैल में बुरी तरह लुढ़क गए हैं. इससे लोग गैरजरूरी सामानों की खरीदारी से परहेज करेंगे जो आखिरकार अर्थव्यवस्था को को संकट में पहुंचा सकती है.
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अप्रैल में ग्राहकों के सेंटीमेंट्स में 3.8 फीसदी की गिरावट
बता दें कि अप्रैल में ग्राहकों के सेंटीमेंट्स में 3.8 फीसदी की गिरावट आई है जो मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. वहीं हफ्ता दर हफ्ता देखें तो 2 मई को खत्म हफ्ते में गिरावट 5.4 फीसदी रही है जो नवंबर के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है. इसके पहले 18 अप्रैल को कंज्यूमर सेंटीमेंट में 4.3 प्रतिशत और 25 अप्रैल को खत्म हफ्ते में साढ़े 4 फीसदी की गिरावट आई थी.
लॉकडाउन की वजह से करीब 6 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (The Confederation of All India Traders-CAIT) की मानें तो अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन की वजह से करीब 6 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है और यही नहीं बैंक NPA बढ़ने की उम्मीद है. जानकारों का भी मानना है कि मार्केट के बंद रहने से बिक्री घटी है और अब ग्राहकों की कमाई घटने से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. सबसे बड़ी चोट छोटे कामगार,फेक्ट्री में काम करने वाले, लेबर्स, रियल एस्टेट में रोज़ाना दिहाड़ी वालों के रोजगार पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है.
HIGHLIGHTS
- अप्रैल में ग्राहकों के सेंटीमेंट्स में 3.8 फीसदी की गिरावट आई है जो मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है
- 18 अप्रैल को कंज्यूमर सेंटीमेंट में 4.3 प्रतिशत, 25 अप्रैल को खत्म हफ्ते में साढ़े 4 फीसदी की गिरावट आई थी