Coronavirus (Covid-19): ब्रिटेन के बाद अब जापान (Japan) में कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) ने हाहाकार मचाया हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से जापान भारी आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) की चपेट में आ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है और अप्रैल से जून तिमाही के दौरान जापान की GDP सालाना आधार पर 27.8 फीसदी घटी है.
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सरकार की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपभोग तथा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे अर्थव्यवस्था में जोरदार गिरावट दर्ज हुई है. कैबिनेट कार्यालय के अनुसार जापान का समायोजित वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत घटा है. सालाना दर से तात्पर्य एक साल तक इस आंकड़े के जारी रहने से है. जापानी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी गिरावट है. हालांकि, कैबिनेट कार्यालय का कहना है कि अर्थव्यवस्था के आंकड़ों की तुलना 1980 से शुरू हुई थी. इससे पहले जापानी अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट 2009 में दर्ज हुई थी. यह 2008-09 के वैश्विक संकट का समय था.
1980 के बाद जापान की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1980 के बाद जापान की जीडीपी में यह सबसे बड़ी गिरावट है. मौजूदा समय में जापान की हालत काफी खराब हैं और स्थिति यह है कि वहां के नागरिकों की आमदनी भी काफी कम हो गयी है. बता दें कि खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए मई के अंत में जापान में लॉकडाउन को हटाने की शुरुआत हो गई थी. लॉकडाउन में ढील से जापान की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटना भी शुरू हो गई थी. हालांकि बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से नागरिक अब काफी संयमित तरीके से खर्च कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान में लगातार तीसरी में अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिली है. जानकारों का अनुमान है कि आने वाले समय में जापान की जीडीपी 27.2 फीसदी तक सिकुड़ सकती है.
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ब्रिटेन की जीडीपी में 20.4 प्रतिशत की गिरावट
ब्रिटेन में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) पर काबू पाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते दूसरी तिमाही में जीडीपी (GDP) में 20.4 प्रतिशत की कमी आई, जिसके साथ ही अर्थव्यवस्था आधिकारिक रूप से मंदी की चपेट में आ गई है. ब्रिटेन में लगातार दो तिमाही के दौरान नकारात्मक विकास दर होने पर अर्थव्यवस्था को आधिकारिक रूप से मंदी की चपेट में माना जाता है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 2.2 प्रतिशत घटी थी.