Advertisment

2022 से पहले दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार की उम्मीद नहीं, बेरोजगारी अभी और बढ़ेगी: रिपोर्ट

Coronavirus (Covid-19): डन एंड ब्रैंडस्ट्रीट की देशों के जोखिम और वैश्विक परिदृश्य पर रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक महामारी के बारे में कुछ वर्गीकरण नहीं किया जा सकता. कुछ अर्थव्यवस्थाओं में तीसरी तिमाही में गतिविधियां सुधरी हैं.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Economy

Coronavirus (Covid-19): Global Economies( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

Coronavirus (Covid-19): दुनिया के कई देशों में कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) का प्रकोप अभी जारी है और फिलहाल दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं (Global Economies) में सुधार की संभावना कम ही दिखाई पड़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2022 से पहले महामारी से पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद नहीं है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

डन एंड ब्रैंडस्ट्रीट की देशों के जोखिम और वैश्विक परिदृश्य पर रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक महामारी के बारे में कुछ वर्गीकरण नहीं किया जा सकता. कुछ अर्थव्यवस्थाओं में तीसरी तिमाही में गतिविधियां सुधरी हैं. इसका पता खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई), गूगल के मोबिलिटी आंकड़ों तथा मासिक आर्थिक आंकड़ों से चलता है.

यह भी पढ़ें: आज मार्केट की ओपनिंग से पहले सोने-चांदी में क्या रणनीति बनाएं, जानिए यहां

चौथी तिमाही में कमजोर हो सकती है पुनरोद्धार की रफ्तार: अरुण सिंह
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि बेरोजगारी अभी बढ़ती रहेगी. सरकारी कार्यक्रम समाप्त हो रहे हैं और अब श्रमिकों का संरक्षण नहीं कर रहे हैं. चौथी तिमाही में पुनरोद्धार की रफ्तार कमजोर हो सकती है. सिंह ने कहा कि हमें नहीं लगता कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2022 से पहले महामारी से पूर्व के उत्पादन स्तर को हासिल कर पाएगी. सबसे बड़ा सवाल इस झटके की गहराई नहीं है बल्कि यह है कि महामारी कब तक बनी रहती है. सिंह ने कहा कि भारत में आर्थिक पुनरोद्धार की रफ्तार इस बात पर निर्भर करेगी कि स्वास्थ्य को लेकर चिंता कब समाप्त होती है. यहां अभी महामारी ने ‘पीक’ को नहीं छुआ है. अनलॉक-4 के साथ आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. महत्वपूर्ण यह है कि कोविड-19 का मनोवैज्ञानिक प्रभाव कम हो रहा है.

यह भी पढ़ें:  रघुराम राजन का बड़ा बयान, और भी बदतर हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था

उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से सुधार की दर सबसे अधिक है, लेकिन संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सख्त लॉकडाउन उपायों का असर चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही पर भी दिखेगा. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. रिपोर्ट में कह गया है कि भारत में उपभोक्ता मांग और निवेश पहले से घट रहा था, लॉकडाउन से यह और प्रभावित हुआ. रोजगार के मोर्चे पर रिपोर्ट में कहा गया है कि डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के सर्वे में शामिल सभी देशों (सर्बिया अपवाद है) में सालाना आधार पर इसमें गिरावट आएगी. (इनपुट भाषा)

covid-19 coronavirus कोरोनावायरस कोविड-19 Coronavirus Pandemic Coronavirus Epidemic Global Economy global market कोरोना वायरस महामारी Global GDP ग्लोबल इकोनॉमी ग्लोबल जीडीपी ग्लोबल मार्केट
Advertisment
Advertisment