कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती जैसे कदम उठाने शुरू भी कर दिए हैं. विश्व बैंक ने भी कोरोना से निपटने के लिए गरीब देशों को हजारों करोड़ रुपये की मदद की घोषणा भी की है. बुधवार तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. आंकड़ों की बात करें तो इन राज्यों की कुल आबादी 32 करोड़ के आसपास है.
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कोरोना से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 215 लाख करोड़ का नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में हर 4 में से 1 व्यक्ति इन राज्यों में रहता है. ऐसे में अगर वायरस इन राज्यों में फैलता है तो घरेलू अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होने की संभावना है. वहीं दूसरी ओर विश्व बैंक (World Bank) का कहना है कि कोरोना वायरस से वैश्विक अर्थव्यवस्था (World Economy) को 215 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. यह आंकड़ा भारत की GDP से करीब 11 लाख करोड़ रुपये अधिक है. Organisation For Economic Cooperation and Development का कहना है कि पिछले 10 वर्षों के मुकाबले इस साल दुनिया की इकोनॉमी की रफ्तार सबसे कम रह सकती है.
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भारत में दवाओं की कीमतों में आ सकता है उछाल
कोरोना वायरस की वजह से आई इस मंदी का मुकाबला करने के लिए विश्व बैंक ने गरीब देशों को 87 हजार करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा भी कर दी है. बता दें कि कोरोना वायरस का कहर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाज़ारों पर दिखाई पड़ रहा है. भारतीय शेयर बाजार में 19 फरवरी से लेकर अबतक निवेशकों को करीब 13 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है. कोरोना वायरस का असर भारतीय फार्मा इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है. बता दें कि भारत दवाओं के निर्माण के लिए 80 फीसदी कच्चा माल चीन से इंपोर्ट करता है. चूंकि आवागमन प्रभावित है ऐसे में कच्चे माल की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं. वहीं अब आशंका लगाई जाने लगी है कि निकट भविष्य में भारत में दवाओं की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है.
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जानकारी के मुताबिक चीन के Hubei (हुबेई) प्रांत में ऑटो पार्ट्स बनाने वाली दुनिया की 20 सबसे बड़ी कंपनियां अपना परिचालन करती हैं. कोरोना वायरस की वजह से ज्यादातर कंपनियों में उत्पादन अभी ठप है. यही वजह है कि भारत में भी गाड़ियों के उत्पादन में 8 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. टीवी, स्मार्टफोन, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और एयर कंडीशनर समेत करीब 70 प्रतिशत उत्पादों के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल चीन से इंपोर्ट किया जाता है. अब इन उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जाने लगी है.
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इंपोर्ट और एक्सपोर्ट पर बड़ा असर
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन से भारत बड़े पैमाने पर कच्चे माल का इंपोर्ट करता है. मौजूदा स्थितियों में भारत के लिए चीन का विकल्प ढूंढना कठिन है. इसके अलावा चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से भारतीय एक्सपोर्ट भी प्रभावित हो सकता है.
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पर्यटन इंडस्ट्री पर काफी नकारात्मक असर
क्वार्ट्ज इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 1.09 करोड़ विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे. पिछले कुछ वर्षों में विदेशी टूरिस्ट में चीन के टूरिस्ट की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऐसे में वायरस की वजह से पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ना तय माना जा रहा है.
चीन में गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट
कोरोना वायरस की वजह से गाड़ियों की बिक्री में 92 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. बता दें कि चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से लोग गाड़ियों के शोरूम में नहीं जा रहे हैं.
कोरोना से प्रभावित प्रमुख देशों के साथ भारत का व्यापार
देश | कारोबार |
अमेरिका | 142 अरब डॉलर |
चीन | 92.68 अरब डॉलर |
ईरान | 17 अरब डॉलर |
इराक | 24.16 अरब डॉलर |
जापान | 15.71 अरब डॉलर |
फ्रांस | 11.89 अरब डॉलर |
इटली | 10.42 अरब डॉलर |
दक्षिण कोरिया | 20 अरब डॉलर |
(आंकड़े वर्ष 2018-19 के अनुसार)